जबलपुर: हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत को ओबीसी एडवोकेट्स वेलफेयर एसोसिएशन ने एक पत्र सौंपा है। इसके जरिये हाईकोर्ट स्तर की समितियों व कालेजियम में आरक्षित वर्ग को प्रतिनिधित्व दिए जाने पर बल दिया है।ओबीसी एडवोकेट्स वेलफेयर एसोसिएशन के अधिवक्ता उदय कुमार साहू ने उक्त जानकारी दी। उन्होंने बताया कि संविधान में सामाजिक न्याय की व्यवस्था दी गई है।
यह तब तक सुनिश्चित नहीं हो सकता, जब तक कि अन्य पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति व महिलाओं को समान अवसर नहीं मिलते। न्यायपालिका में भी आरक्षित वर्ग को स्थान मिलना चाहिये। लेकिन देखने में आया है कि आजादी के बाद से अब तक इन वर्गों को अपेक्षाकृत नाममात्र का प्रतिनिधित्व मिला है। इस स्थिति को निर्मूल करने के लिए वरिष्ठ अधिवक्ताओं की नामांकन समिति में अन्य पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति व महिलाओं को प्रतिनिधि बनाया जना चाहिये।
इसी तरह हाईकोर्ट जजों की नियुक्ति प्रक्रिाया के पहले चरण में कालेजियम की भूमिका होती है। इसमें अन्य पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति व महिलाओं को प्रतिनिधित्व मिलने से इन वर्गों के साथ अन्याय की स्थिति से निजात संभव होगी। पिछले दिनों हाईकोर्ट के 28 वकील वरिष्ठ नामांकित हुए, जिनमें से 25 एक ही वर्ग के थे। यह असमानता की स्थिति चिंताजनक है। सवाल उठता है कि जब 51 प्रतिशत आबादी ओबीसी की है, तो इस वर्ग की उपेक्षा क्यों