शहर में दो पहिया ईवी के पार्ट्स व बैटरी के लिए महीनों का इंतजार

ग्वालियर: मार्केट में पहली बार ईवी के आने के बाद इसक बैटरी को लेकर सवाल उठे थे फिर इन्हें बनाने वालीं कंपनियों ने खुद को मार्केट में स्थापित करने के लिए दो से तीन साल की वारंटी दी और कहा कि इतने समय से पहले इनका कुछ नहीं बिगडेगा। इस संतुष्टि से खरीदारों की संख्या बढी और सडकों पर दौडने वालीं ईवी की संख्या में वृद्धि होती चली गई। अब लगातार ईवी की बैटरी समय से पहले खराब होने के केस सामने आ रहे है। इतना ही नहीं लोकल से लेकर बडी कंपनियां ईवी का डैमेज कंट्रोल नहीं कर पा रही है। अगर किसी बडी कंपनी की ईवी की बॉडी डैमेज हो जाती है तो उसे 20 से 25 दिन वेट करने को कहा जाता है।

यह वेटिंग दो माह तक पहुंच रही है। ईवी सेल करने वाले विक्रताओं का कहना है मौजूदा समय में सबसे ज्यादा बैटरी खराब होने के केस आ रहे है। यह कुछ दिनों से हो रहा है। इससे पहले लॉन्च की गईं ईवी की सर्विस ठीक थी। कंपनियां नए ग्राहकों को खुद से जोडने के लिए सिर्फ मैन्युफेक्चरिंग पर ध्यान दे रही है। ईवी के बाजार में बडी के अलावा लोकल कंपनियां उतर चुकी है। प्रदीप सिंह का कहना है कि इस समय शहर में 25 से अधिक लोकल कंपनियां ईवी सेल कर रही है। इनकी कीमत 40 से लेकर 80 हजार तक निर्धारित है।
0.25 किलोवाट से अधिक क्षमता वाले इलेक्ट्रिक वाहन का रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य: ऐसे दो पहिया इलेक्ट्रिक वाहन जिनकी क्षमता 0.25 किलोवाट यानी 250 वाट से अधिक है। साथ ही स्पीड 25 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से अधिक है। ऐसे इलेक्ट्रिक वाहनों का आरटीओ कार्यालय में रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य है। आरटीओ विक्रम सिंह के अनुसार 250 वाट से कम पावर और 25 किमी प्रतिघंटा की कम स्पीड से चलने वाले ईवी का रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी नहीं है।

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