देपालपुर में राष्ट्रीय मत्स्य डिजिटल प्लेटफॉर्म पर पंजीकरण के लिए मोबिलाइजेशन शिविर का आयोजन
इंदौर. खाद्य सुरक्षा, आजीविका और अर्थव्यवस्था में मत्स्यपालन क्षेत्र की महत्वपूर्ण भूमिका है. हमारे देश में लगभग 3 करोड़ लोग सीधे तौर पर अपनी आजीविका के लिए मात्सि्यकी पर निर्भर हैं. इसलिए मात्सि्यकी के समग्र विकास के लिए मछुआरों और उद्ममियों का कल्याण एवं उनकी सहायता आवश्यक है.
यह बात केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय के राज्य मंत्री जॉर्ज कुरियन ने देपालपुर में राष्ट्रीय मत्स्य डिजिटल प्लेटफॉर्म (एनएफडीपी) पर पंजीकरण के लिए आयोजित मोबिलाइजेशन शिविर को संबोधित करते हुए कही. इस अवसर पर मत्स्य कल्याण और मत्स्य पालन विभाग मंत्री नारायण सिंह पंवार, सांसद शंकर लालवानी और निदेशक मत्स्य पालन विभाग श्री रवि कुमार विशेष रूप से मौजूद थे. केन्द्रीय राज्य मंत्री ने संवर्धित झींगा के शीर्ष उत्पादक और जलीय कृषि तथा मछली के दूसरे सबसे बड़े उत्पादक के रूप में भारत के वैश्विक नेतृत्व पर जोर दिया. उन्होंने सभी हितधारकों से एनएफडीपी पर पंजीकरण करने और योजना का लाभ उठाने का आग्रह किया. इसके अलावा राज्य मंत्री ने मध्य प्रदेश में 25 करोड़ रुपये के कुल परिव्यय के साथ स्वीकृत एम पार्क और अनुसंधान केंद्र के महत्व पर जोर दिया। इस एम पार्क का उद्देश्य क्षमता निर्माण के माध्यम से राज्य में मछली उत्पादन को बढ़ाना है. इसके अतिरिक्त मछली की खपत को बढ़ावा देने और मत्स्य उत्पादों के लिए बाजार पहुंच में सुधार करने के लिए एक फिश पार्लर का उद्घाटन किया गया.
राष्ट्रव्यापी अभियान 22 तक
मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के तहत मत्स्य पालन विभाग, राष्ट्रीय मत्स्य डिजिटल प्लेटफॉर्म (एनएफडीपी) पर पंजीकरण के लिए एक विशेष राष्ट्रव्यापी अभियान आयोजित किया जा रहा है, जो 22 फरवरी तक चलेगा. इसके तहत प्रधानमंत्री मत्स्य किसान समृद्धि योजना के अतंर्गत प्रदान किए गए विभिन्न लाभों को प्राप्त करने के लिए पात्र हितधारकों से आवेदन प्राप्त करने और पंजीकरण अनुमोदन में तेजी लाने का प्रयास किया जा रहा है. इस प्रयास के तहत, मत्स्य विभाग द्वारा देपालपुर में राष्ट्रीय मत्स्य डिजिटल प्लेटफॉर्म पर पंजीकरण के लिए मोबिलाइजेशन शिविर का आयोजन किया गया. शिविर में 1500 मत्स्य सहकारी समितियों, मछुआरों और उद्यमियों ने भाग लिया.