*कलेक्टर की कार्रवाई से बौखलाए ट्रस्ट अध्यक्ष, वित्तीय अनियमितताओं की जांच*
भिंड। ब्रहमेश्वर ट्रस्ट के खिलाफ वित्तीय अनियमितताओं और भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप सामने आ रहे हैं। प्रशासन ने पाँच दुकानों को शील्ड कर दिया, जिनका विक्रय बिना रजिस्ट्रार की अनुमति के किया गया था। ये दुकाने मात्र 200 रुपये के मामूली किराए पर ट्रस्ट के चहेतों को दी गई थीं, जिसे लेकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं। ऐसे में अब ट्रस्ट की ऑडिट रिपोर्ट का बेसब्री से इंतजार किया जा रहा है।
कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव ने इस मामले में कड़ी कार्रवाई की और आरोपों की जांच शुरू कर दी है। ट्रस्ट के अध्यक्ष ने प्रशासनिक कार्रवाई के बाद अपनी जान को खतरे में बताया है, जिससे यह सवाल उठता है कि यदि सब कुछ सही है तो क्यों ट्रस्ट द्वारा जांच से बचने की कोशिश की जा रही है? ट्रस्ट की ऑडिट रिपोर्ट का सार्वजनिक होना अब जरूरी हो गया है, ताकि सभी अनियमितताएँ सामने आ सकें।
भिंड कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव ने इस मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया दी है और कहा कि लंबे समय से ट्रस्ट के वित्तीय मामलों में अनियमितताओं की शिकायतें मिल रही थीं। जिला कलेक्ट्रेट न्यायालय ने 7 जनवरी 2025 में ट्रस्ट की वित्तीय अनियमिताओं को लेकर ऑडिट कराने के दिए जांच के आदेश उन्होंने स्पष्ट किया कि ट्रस्ट की ऑडिट रिपोर्ट आने के बाद शीघ्र कार्रवाई की जाएगी। कलेक्टर ने यह भी कहा कि रिपोर्ट के खुलासे से ट्रस्ट पर की जा रही कार्रवाई और आरोपों की सच्चाई सामने आ जाएगी।
ट्रस्ट द्वारा अपने काले कारनामों को छिपाने के आरोप भी लगाए जा रहे हैं। प्रशासन का कहना है कि यह पूरी स्थिति केवल एक जाँच प्रक्रिया का हिस्सा है, और रिपोर्ट सामने आते ही सभी गुत्थियाँ सुलझ जाएंगी।
अब सभी की निगाहें ट्रस्ट की ऑडिट रिपोर्ट पर हैं, क्योंकि रिपोर्ट के आने के बाद ही यह साफ होगा कि ट्रस्ट के खिलाफ लगाए गए आरोप कितने सही हैं और क्या कार्रवाई की आवश्यकता है।