क्या है मामला
जबलपुर निवासी अजय चौधरी को एक अज्ञात मोबाइल नंबर से कॉल आया, जिसमें कॉलर स्वयं को सीबीआई अधिकारी बताते हुए युवक को धमकाते हुए बोलता है कि मैं सीबीआई से बोल रहा हूं । तुमने जो अभी देखा है वह गलत वीडियो है और उसके खिलाफ एक रिपोर्ट दर्ज की गई है, जिसमें तुम्हें भी जेल हो सकती है। इसके बाद जब अजय ने कहा कि मैंने कोई गलती नहीं की है मुझे क्यों परेशान किया जा रहा है। इस पर फर्जी अधिकारी कहता है कि यदि तुम्हें जेल जाने से बचना है तो वकील की फीस के लिए 4500 रूपए अभी तत्काल मुझे डालो अगर पैसे नहीं डालोगे तो पुलिस तुम्हारे घर पहुंच जाएगी।
फर्जी सीबीआई के इस तरह के कॉल से पेशे से ड्राइवर युवक काफी डर गया और पैसे डालने वाला ही था कि अचानक उसे साइबर निरीक्षक दिनेश कुमार गुप्ता की याद आई और उन्हें तत्काल कॉल कर पूरी घटना क्रम से अवगत कराया।निरीक्षक दिनेश कुमार गुप्ता द्वारा युवक की मदद करते हुए तत्काल फर्जी अधिकारी का कॉल उनसे कनेक्ट कराने के लिए कहा। युवक ने जैसे ही फर्जी अधिकारी का कॉल निरीक्षक दिनेश कुमार गुप्ता से कनेक्ट कराया, वैसे ही निरीक्षक गुप्ता ने फर्जी सीबीआई अधिकारी की जमकर क्लास लगाई और उसे थाने उपस्थित होने के लिए बोला तो तुरंत ही फर्जी अधिकारी ने कॉल डिस्कनेक्ट कर दिया। उसके बाद उसने अपना फोन बंद कर लिया है।
पुलिस ने चालक को डिजीटल अरेस्ट से बचाया
अजय पेशे से कैब ड्राइवर है उसकी इंस्पेक्टर दिनेश गुप्ता से मुलाकत जबलपुर ड्यूटी के दौरान हुई थी। इंस्पेक्टर दिनेश गुप्ता कुछ दिन पहले ड्यूटी पर के लिये जबलपुर गये थे। वहां उनके वाहन चलान के लिये अजय की ड्यूटी लगाई गयी थी। इस बीच इंस्पेक्टर दिनेश गुप्ता और युवक के बीच साइबर अपराधी के संबंध में बातचीत होती थी। अजय ने इंस्पेक्टर का नम्बर ले लिया था जो आज इस समय आ गया और कैब चालक को डिजीटल अरेस्ट होने से बचा लिया।