महिला लोको पायलट के फांसी लगाकर आत्महत्या के मामले में है आरोपी
शहडोल: कोतवाली थाना क्षेत्र में महिला लोको पायलट ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी, जिस मामले में रतलाम के सहायक स्टेशन मास्टर को पुलिस लगातार तलाश कर रही थी। लेकिन आरोपी घटना दिनांक से फरार चल रहा था।कोतवाली थाना प्रभारी रावेंद्र तिवारी ने बताया कि आरोपी की गिरफ्तारी के लिए कई बार उसके ठिकाने पर दबिश दी थी। आरोपी मूलतः राजस्थान के दौसा जिला ग्राम पगड़ी का निवासी था। आरोपी को रतलाम से गिरफ्तार कर लिया गया है। आखिरकार 11 महीने बाद आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है। इस दौरान पुलिस कई बार रतलाम व राजस्थान में उसके ठिकाने में छापामार कार्रवाई कर चुकी थी, लेकिन आरोपी पुलिस के आने की भनक लगते ही वह अपने ठिकाने से गायब हो जाता था।
जानकारी के अनुसार करीब 11 महीने बाद पुलिस को पुलिस आरोपी आशाराम मीणा को रतलाम स्थित उसके शासकीय आवास से गिरफ्तार कर शहडोल लेकर पहुंची। पुलिस ने बताया कि शहडोल में पदस्थ सहायक लोको पायलट आरती सनोरिया 29 मार्च 2024 की रात अपने किराए के कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। सुबह जब वह ऑफिस नहीं पहुंची तो रेलवे के अधिकारियों ने फोन लगाया, फोन बंद होने पर अन्य स्टॉफ से जानकारी ली। स्टॉफ के लोग घर पहुंचे तो कमरा अंदर से बंद था, मकान मालिक ने पीछे खिड़की से देखा तो आरती सनोरिया फांसी के फंदे में लटकी हुई थी। घटना की जानकारी लगते ही पुलिस पहुंची और शव को उतरवाकर आगे की कार्रवाई शुरू की।
मृतका के कमरे से कोतवाली पुलिस ने सुसाइड नोट के साथ ही पैसों के लेने देने के दस्तावेज एवं मोबाइल जब्त किए थे। वहीं मृतिका के परिजनों ने रतलाम में पदस्थ एएसएम आशाराम मीणा पर प्रताड़ना के आरोप लगाए थे। सीडीआर व सुसाइड नोट के साथ अन्य साक्ष्य के आधार पर पुलिस ने आरोपी के विरुद्ध मामला दर्ज किया था। कोतवाली थाना प्रभारी रावेंद्र तिवारी ने बताया कि आरोपी की गिरफ्तारी के लिए कई बार उसके ठिकाने पर दबिश दी थी। आरोपी मूलतः राजस्थान के दौसा जिला ग्राम पगड़ी का निवासी था। पुलिस ने राजस्थान में भी उसे गिरफ्तार करने दबिश दी थी। पुलिस ने बताया कि गिरफ्तारी नहीं होने पर कुर्की की कार्रवाई चल रही थी। इसी बीच पुलिस ने उसे रतलाम से गिरफ्तार कर लिया। मामले में आरोपी को सोमवार को न्यायालय पेश किया गया।