बजट घोषणा और आरबीआई के निर्णय का बाजार पर रहेगा असर

मुंबई 02 फरवरी (वार्ता) भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के बैंकिंग तंत्र में तरलता बढ़ाने की घोषणा और आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट में नये वित्त वर्ष में देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की मजबूत वृद्धि दर के अनुमान से हुई दमदार लिवाली की बदौलत बीते सप्ताह 1.7 प्रतिशत चढ़े घरेलू शेयर बाजार पर अगले सप्ताह केंद्रीय बजट की घोषणाओं, आरबीआई की मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक के निर्णय और जनवरी के वाहन बिक्री आंकड़ों का असर रहेगा।

बीते सप्ताह बीएसई का तीस शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 1315.5 अंक अर्थात 1.7 प्रतिशत की छलांग लगाकर सप्ताहांत पर 77505.96 अंक पर पहुंच गया। इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 389.95 अंक यानी 1.7 प्रतिशत की बढ़ोतरी लेकर 24382.15 अंक पर बंद हुआ। बीते सप्ताह 01 फरवरी यानि शनिवार को संसद में वित्त वर्ष 2025-26 का केंद्रीय बजट पेश किये जाने की वजह से बाजार में छह दिन कारोबार हुआ। शनिवार को बाजार का विशेष सत्र रखा गया था।

समीक्षाधीन सप्ताह में बीएसई की दिग्गज कंपनियों के विपरीत मझौली और छोटी कंपनियों के शेयरों में मिलाजुला रुख रहा। इस दौरान मिडकैप 168.65 अंक अर्थात 0.4 प्रतिशत की बढ़त के साथ सप्ताहांत पर 42884.28 अंक पर पहुंच गया वहीं स्मॉलकैप 7.71 अंक की मामूली गिरावट लेकर 50099.80 अंक पर सपाट रहा।

विश्लेषकों के अनुसार, बीते शनिवार को संसद में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के पेश किए गए बजट में की गई घोषणाएं विशेष रूप से आर्थिक सुधार, बुनियादी ढांचे में निवेश और कर नीतियों से संबंधित प्रावधान अगले सप्ताह बाजार की धारणा को प्रभावित करेंगी। साथ ही आरबीआई की द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक अगले सप्ताह 05 से 07 फरवरी को होने वाली है। नीतिगत दरों में बदलाव, विशेष रूप से ब्याज दरों में कटौती या तरलता बढ़ाने के उपाय बाजार की चाल पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकते हैं। इसी तरह जनवरी 2025 के वाहनों की बिक्री का भी बाजार पर असर रहेगा।

इनके अलावा अंतर्राष्ट्रीय बाजारों की चाल, कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव और भू-राजनीतिक घटनाएं घरेलू बाजारों को प्रभावित कर सकती हैं। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) की गतिविधियों पर निवेशकें की नजर रहेगी। हाल के महीनों में एफपीआई द्वारा बाजार से बड़े पैमाने पर पूंजी निकासी देखी गई है। हालांकि, जनवरी सीरीज के अंत में उन्होंने इंडेक्स फ्यूचर्स में अपनी शॉर्ट पोजिशन को कम किया है, जिससे उम्मीद है कि उनकी निकासी की गति धीमी हो सकती है।

साथ ही अगले सप्ताह डेरिवेटिव्स बाजार के संकेत का भी असर रहेगा। वित्तीय सेवाओं और सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में उच्च ओपन इंटरेस्ट देखा गया है, जो इन क्षेत्रों में बढ़ी हुई गतिविधि का संकेत देता है। ये दोनों क्षेत्र निफ्टी में लगभग 50 प्रतिशत का योगदान करते हैं इसलिए इनकी चाल का बाजार पर महत्वपूर्ण प्रभाव होगा। इन कारकों के आधार पर अगले सप्ताह बाजार में उतार-चढ़ाव की संभावना है।

बीते सप्ताह शेयर बाजार में चार दिन तेजी वहीं दो दिन कमजोर रुख रहा। अमेरिकी फेडरल रिजर्व की ब्याज दर में कटौती को लेकर बनी अनिश्चितता के बीच स्थानीय स्तर पर कंपनियों के कमजोर तिमाही परिणाम और विदेशी संस्थागत निवेशकों की लगातार जारी पूंजी निकासी के दबाव में हुई चौतरफा बिकवाली से सोमवार को शेयर बाजार में कोहराम मच गया। सेंसेक्स 824.29 अंक का गोता लगाकर 75,366.17 अंक और निफ्टी 263.05 अंक लुढ़ककर 22,829.15 अंक पर बंद हुआ।

वहीं, आरबीआई के बैंकिंग प्रणाली में तरलता बढ़ाने के उपाय किये जाने की घोषणा से फरवरी की मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक में ब्याज दरों में कटौती होने की उम्मीद बढ़ने से वित्तीय सेवाएं, बैंकिंग, ऑटो और रियल्टी समेत पांच समूह की कंपनियों में हुई जबरदस्त लिवाली की बदौलत मंगलवार को सेंसेक्स 535.24 अंक की छलांग लगाकर 75,901.41 अंक और निफ्टी 128.10 अंक यानी 0.56 प्रतिशत उछलकर 22,957.25 अंक पर पहुंच गया।

फेड रिजर्व के ब्याज दरों को स्थिर रखने की संभावना के साथ ही स्थानीय स्तर पर इस वर्ष के बजट से अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहित करने के लिए नीतिगत समर्थन मिलने और आरबीआई के तरलता बढ़ाने के उपायों से दरों में कटौती होने की उम्मीद में हुई चौतरफा लिवाली की बदौलत बुधवार को सेंसेक्स 631.55 अंक की छलांग लगाकर 76,532.96 अंक और निफ्टी 205.85 अंक यानी 0.9 प्रतिशत की तेजी के साथ 23,163.10 अंक हो गया।

विश्व बाजार की तेजी से उत्साहित निवेशकों की स्थानीय स्तर पर ऊर्जा, हेल्थकेयर, दूरसंचार, तेल एवं गैस और रियल्टी समेत 14 समूहों में हुई जमकर लिवाली से गुरुवार को सेंसेक्स 226.85 अंक उछलकर 76,759.81 अंक और निफ्टी 86.40 अंक चढ़कर 23,249.50 अंक पर बंद हुआ।

आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट में देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 6.3 से 6.8 प्रतिशत के बीच बढ़ोतरी होने के अनुमान से निवेशकों का अर्थव्यवस्था को लेकर भरोसा मजबूत होने से हुई चौतरफा लिवाली की बदौलत शुक्रवार को सेंसेक्स 740.76 अंक उछलकर 77,500.57 अंक और निफ्टी 258.90 अंक चढ़कर 23,508.40 अंक हो गया। वहीं, संसद में पेश केंद्रीय बजट में पूंजीगत व्यय में उम्मीद से कम महज दस फीसदी की बढ़ोतरी किये जाने के प्रस्ताव से निराश निवेशकों की भारी बिकवाली का शनिवार को शेयर बाजार के विशेष सत्र में असर दिखा। सेंसेक्स मजह 5.39 अंक बढ़कर 77,505.96 अंक पर रहा। वहीं, निफ्टी 26.25 अंक फिसलकर 23,482.15 अंक पर आ गया।

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