तीन साल में है तबादले का नियम, जिम्मेदार नहीं दे रहे ध्यान
नलखेड़ा, 28 जनवरी. शासकीय विभागों में तीन साल में स्थानांतरण करने का नियम है, लेकिन जिले में कई अधिकारी-कर्मचारी अपने विभागों में वर्षों से जमे हुए हैं. जो नियम के उल्लंघन की श्रेणी में आता है. इस गंभीर मामले में कोई जिम्मेदार अधिकारी ध्यान नहीं दे रहा. यही कारण है कि अधिकारियों-कर्मचारियों की मनमानी बढ़ रही है.
सूत्रों के अनुसार जिले में कई कर्मचारी तो कई वर्षों से ही एक ही पद पर जमे हुए हैं. शासकीय कर्मचारियों ने जन सामान्य में अपनी गहरी पैठ बना रखी है. शासकीय कार्यालयों से संबंधित कोई भी कार्य इनकी मर्जी के बिना कराना असंभव है. फिर चाहे वह कार्य वैध हो अथवा अवैध, जिससे ये कर्मचारी अपने अधिकारियों के भी चहेते बने रहते हैं. साथ ही अधिकारी अपने अधीनस्थ कर्मचारियों के विरुद्ध कार्यवाही नहीं करते हैं. इससे उनके कामकाज पर असर पड़ रहा है. जहां एक ओर राज्य शासन द्वारा थोक में अधिकारियों एवं कर्मचारियों के तबादले किए जा रहे हैं. वहीं जिला मुख्यालय में लगभग कई कार्यालयों में पदस्थ शासकीय कर्मचारी एवं अधिकारी कई वर्षों से अंगद के पैर की तरह जमे हुए हैं. जिले तथा ब्लॉक मुख्यालय के शासकीय कार्यालयों में कुछ अधिकारी-कर्मचारी तो छह-सात सालों से एक ही कार्यालयों में पदस्थ हैं.
इन कार्यालयों में वर्षों से है पदस्थ…
जिला मुख्यालय और ब्लॉक मुख्यालय पर स्थित एसडीएम कार्यालय, तहसील कार्यालय, नगर परिषद, जनपद पंचायत, बीआरसी, उद्यानिकी विभाग, शिक्षा विभाग, कृषि विभाग, महिला बाल विकास विभाग व अन्य विभाग हैं, जहा विभागों में कर्मचारियों से लेकर अधिकारियों तक पिछले कई सालों से पदस्थ हैं. सूत्रों के अनुसार कुछ कर्मचारी अपनी राजनीतिक पहुंच का परिचय देते रहते हैं. इस ब्लॉक मुख्यालय में सभी विभागों में महिला एवं पुरुष कर्मचारी-अधिकारी अपनी राजनीतिक पकड़ के चलते वर्षों से पदस्थ हैं. जिला प्रशासन को ऐसे कर्मचारियों एवं अधिकारियों को सूचीबद्ध कर हटाया जाना चाहिए. शासन की तबादला नीति का नियमानुसार पालन किया जाना चाहिए. ना कि राजनेताओं के कहने पर किसी की पदस्थापना या स्थानांतरण पर रोक लगानी नहीं चाहिए. उक्त तबादला के अनुसार तबादले एवं पदस्थापना सुनिश्चित की जाए. इस ओर प्रशासन को ध्यान देना चाहिए.
इनका कहना है
आपके द्वारा ध्यान में लाया गया है. जो अधिकारी-कर्मचारी सालों से जमे हुए हैं, उनको कलेक्टर व शासन के नीति निर्देशानुसार अनुसार कार्यवाही की जाएगी.
– आरपी वर्मा, अपर कलेक्टर, आगर-मालवा