जन आक्रोश और खराब होती छवि पर लेना पड़ा निर्णय
नव भारत न्यूज
इंदौर। आखिर पार्षद और एमआईसी सदस्य विवाद में आज भाजपा प्रदेश नेतृत्व ने कारवाई कर ही दी। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने जीतू यादव ( जाटव ) को पार्टी से छह साल के लिए निष्कासित कर दिया। पार्टी से बाहर करते ही महापौर ने भी यादव को बाहर रास्ता दिखा दिया। उक्त कारवाई के पीछे शहर में जन आक्रोश और पार्टी की खराब होती छवि को माना जा रहा है।
भाजपा में आखिरकार आज पार्षद और एमआईसी सदस्य विवाद में कारवाई कर दी गई। प्रदेश अध्यक्ष वी डी शर्मा ने एमआईसी सदस्य और वार्ड 24 कुलकर्णी भत्ता के पार्षद जीतू यादव उर्फ जाटव को पार्टी से छह साल के लिए निष्कासित करने का पत्र जारी कर दिया। इसके बाद महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने भी नगर पालिका अधिनियम 1956 की धारा 37 का उपयोग करके यादव को महापौर परिषद् से बाहर करने का पत्र जारी कर दिया।
ध्यान रहे कि भाजपा प्रदेश नेतृत्व को जन आक्रोश और सोशल मीडिया पर बच्चे के साथ आपत्तिजनक हरकत का वीडियो बाहर आने के कारण कारवाई करना पड़ी। भाजपा के मंत्री, महापौर और सभी नेताओं के सुर बदल गए। सुर बदलने का बड़ा कारण यह है कि मामला भाजपा हाईकमान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह तक पहुंच गया । इस मामले की जानकारी मिलते ही प्रदेश नेतृत्व हरकत में आया और एमआईसी सदस्य को पार्टी से बाहर करने की कारवाई कर दी।
इसके पहले चार नंबर की विधायक मालिनी पार्षद को लेकर मुख्यमंत्री से मिली थी। उसके बाद एमआईसी सदस्य जीतू भी मुख्यमंत्री से मिले। दोनों ने एक दूसरे के गलती बताई। नगर अध्यक्ष ने दोनों को नोटिस दिए और दो दिन में वास्तविक स्थिति बताने को कहा। मगर जीतू विधायक रमेश मेंदोला का समर्थक होने से भाजपा नेतृत्व उक्त मामले के कारवाई करने से बच रहा था।
इस बीच पार्षद के बेटे को उसकी दादी के सामने बच्चे का आपत्तिजनक अवस्था में खड़ा करने और धमकाने का स्पष्ट विडियो वायरल हो गया। जन प्रतिक्रिया में भाजपा को लोग कोसने लगे, तब जाकर वरिष्ठ नेताओं की विवाद पर प्रतिक्रिया आने लगी और कारवाई हुई।
यह था मामला
करीब 15 दिन पहले शहर चार नंबर के पार्षद कमलेश कालरा और जोन के भवन इंस्पेक्टर यादव के बीच विवावस्पद बातचीत का ऑडियो वायरल हुआ था। ऑडियो में एमआईसी सदस्य जीतू यादव ( जाटव ) को कुछ धमकी भरे लहजे में बोलने के चर्चा थी। उक्त बात ने इतना विवाद बढ़ गया कि एमआईसी सदस्य के समर्थक गुंडों ने पार्षद कमलेश कालरा के घर में घुसकर मारपीट की । उनके बेटे के साथ अमानवीय कृत्य किया। इससे बच्चा और परिवार सहम गए। मामला मुख्यमंत्री तक पहुंचा। जीतू भी अपने समर्थकों के साथ कमिश्नर को ज्ञापन देने पहुंचा था।
महापौर और विजयवर्गीय के सुर बदलते ही करवाई
उपरोक्त विवाद में महापौर को पार्षद कालरा के घर जाना और कारवाई को बोलना पड़ा। इसके बाद कल मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के भी बयान जीतू के खिलाफ आने के बाद आज भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने निष्कासन का पत्र जारी कर दिया।
कारवाई का घटनाक्रम
आज सुबह करीब 11 बजे जीतू ने एमआईसी सदस्य पद से इस्तीफे का पत्र वीडी शर्मा के नाम से मीडिया में जारी किया । इसके बाद प्रदेश नेतृत्व ने नामंजूर कर निष्कासन का पत्र जारी किया। निष्कासन का पत्र मिलते ही महापौर ने एमआईसी सदस्य के पद से हटाने की घोषणा की और फिर नियमानुसार हटाने का पत्र जारी किया।
पार्षद बने रहेंगे जीतू
जीतू पार्षद बने रहेंगे, क्योंकि दल बदल कानून पार्षद पर लागू नहीं होता है। ऐसा जानकारों का मानना है, इसलिए उनकी पार्षदी बची रहेगी।
अब पुलिस कमिश्नर के एक्शन का इंतजार
उक्त विवाद में क्या जीतू की गिरफ्तारी होगी ? यह सवाल बना हुआ है। वीडियो फुटेज में कहीं भी जीतू मौजूद नहीं है। बताया जाता है कि मारपीट के घटनाक्रम में जीतू मौके पर नहीं था। मगर स्वयं के नाम के विवाद के कारण पुलिस क्या कारवाई करती है ? यह प्रश्न खड़ा है।