कृष्ण जन्मस्थान-शाही ईदगाह भूमि विवादों की एक ही अदालत में सुनवाई की संभावना

नई दिल्ली, 10 जनवरी (वार्ता) कृष्ण जन्मस्थान-शाही ईदगाह भूमि विवादों से जुड़े मामलों को लेकर उच्चतम न्यायालय के शुक्रवार के रुख के बाद संबंधित सभी याचिकाओं की सुनवाई किसी एक ही अदालत में होने की संभावना बढ़ गयी है।

मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ ने सुनवाई करते हुए सवाल किया कि उसे कृष्ण जन्मस्थान-शाही ईदगाह भूमि विवाद से संबंधित लगभग 18 मुकदमों को एकीकृत करने और मथुरा की विभिन्न सिविल अदालतों से उन्हें अपने पास स्थानांतरित करने के इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले में हस्तक्षेप क्यों करना चाहिए।

पीठ कहा कि मुकदमों का एकीकरण संबंधित पक्षों के लिए फायदेमंद है, क्योंकि एक से अधिक कार्यवाही से बचा जाना चाहिए।

पीठ ने मुस्लिम पक्ष की ओर से पेश हुए एक अधिवक्ता से पूछा, “हमें मुकदमों के एकीकरण में हस्तक्षेप क्यों करना चाहिए?”

इस पर अधिवक्ता ने कहा कि मुकदमों की प्रकृति समान नहीं है और अगर उन मुकदमों को एक साथ लिया जाता है, तो वे जटिलताएं पैदा करेंगे।

हालांकि, पीठ ने महसूस किया कि इससे कोई जटिलता पैदा नहीं होगी और यह संबंधित पक्षों के बेहतर है।

पीठ ने मौखिक रूप से कहा, “अगर मुकदमों को एक साथ जोड़ दिया जाए तो क्या फर्क पड़ता है।”

शीर्ष अदालत ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 1 अप्रैल, 2025 की तारीख मुकर्रर कर दी।

उच्च न्यायालय ने 26 मई, 2023 को मथुरा की विभिन्न सिविल अदालतों से कृष्ण जन्मस्थान-शाही ईदगाह भूमि विवाद से संबंधित लगभग 18 मुकदमों को अपने यहां स्थानांतरित करके खुद सुनवाई करने का फैसला किया था। उच्च न्यायालय ने 1 अगस्त, 2024 को कहा था कि कृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह विवाद से संबंधित 18 मुकदमों में सुनवाई जारी रह सकती है, क्योंकि उसने मस्जिद प्रबंधन समिति की चुनौती को खारिज कर दिया।

शीर्ष अदालत ने 16 जनवरी, 2024 को, इलाहाबाद उच्च न्यायालय के 14 दिसंबर, 2023 के आदेश पर रोक लगा दी थी, जिसमें मथुरा में कृष्ण जन्मभूमि मंदिर से सटी शाही ईदगाह मस्जिद का सर्वेक्षण करने का निर्देश दिया गया था।

Next Post

समलैंगिक विवाह: सुप्रीम कोर्ट ने अपने 2023 के फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिकाएं की खारिज

Fri Jan 10 , 2025
Share on Facebook Tweet it Share on Reddit Pin it Share it Email नई दिल्ली, 10 जनवरी (वार्ता) उच्चतम न्यायालय समलैंगिक विवाह को कानूनी मंजूरी देने से इनकार करने के अपने फैसले की समीक्षा की मांग करने वाली याचिकाएं खारिज कर दी हैं। न्यायमूर्ति बी आर गवई, न्यायमूर्ति सूर्य कांत, […]

You May Like

मनोरंजन