कैग की रिपोर्ट सार्वजनिक करने से डरते हैं केजरीवालः सचदेवा

नयी दिल्ली 07 जनवरी (वार्ता) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के दिल्ली प्रदेश के अध्यक्ष वीरेन्द्र सचदेवा ने पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सरकारी आवास के सौंदर्यीकरण पर हुए खर्च को लेकर नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किये जाने को लेकर सवाल उठाया है और कहा है कि श्री केजरीवाल सत्ता गंवाने की डर की वजह से इसे विधानसभा के पटल पर नहीं रखते हैं।

श्री सचदेवा ने मंगलवार को संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि दिल्ली वाले अक्सर यह सोचते हैं कि आखिर क्यों श्री केजरीवाल या मुख्यमंत्री आतिशी कैग की रिपोर्ट को दबा कर क्यों रखना चाहती है, क्यों नहीं उनको दिल्ली विधानसभा के पटल पर इसे रखना चाहते हैं।

उन्होंने कहा कि न्यायालय की फटकार के बाद भी दिल्ली सरकार कैग की रिपोर्ट को विधानसभा पटल पर नहीं रखती है, तो यह स्थापित हो जाता है कि कैग की रिपोर्ट से श्री केजरीवाल डरते हैं।

उन्होंने कहा कि ‘शीश महल’ (श्री केजरीवाल का आवास) से जुड़ी कैग की रिपोर्ट के हिस्से को कल मैंने दिल्ली वालों के समक्ष रखा, आज मैं दिल्ली सरकार के प्रचार विज्ञापन खेल पर कैग की रिपोर्ट सामने रख रहा हूं, जो श्री केजरीवाल की पोल खोलने को काफी है।

उन्होंने कहा कि आज हमने समाचार पत्रों के माध्यम से देखा कि हमने जो ‘शीश महल’ को लेकर कैग की रिपोर्ट का हवाला देकर आरोप लगाये, तो आम आदमी पार्टी (आप) सांसद संजय सिंह ने उस सम्बंधित रिपोर्ट को फर्जी और रद्दी का कागज बता दिया।

उन्होंने कहा कि वह श्री सिंह से पूछना चाहते हैं कि यदि मेरे द्वारा कल रखी गई कैग की रिपोर्ट फर्जी थी, तो असली में क्या लिखा है।

श्री सचदेवा ने कहा कि वह श्री केजरीवाल, सुश्री आतिशी और श्री सिंह को चुनौती देते हैं कि कल विधानसभा की बैठक बुलायें और कैग की रिपोर्ट सदन के पटल पर सार्वजनिक करें और उस पर भाजपा से बहस करें।

उन्होंने कहा कि संविधान अनुसार केंद्र सरकार के सामान्य वित्त नियम कहते हैं कि किसी भी सरकार, चाहें केन्द्रीय हो या राज्य की हो, उसके खर्च तर्कसंगत होने चाहिए।

उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय के भी निर्देश हैं कि सरकारें विज्ञापन पर कुछ इस तरह खर्च करें कि उससे जनता को (जिसे उन योजनाओं से लाभ होना है) को उसकी जानकारी मिले, लेकिन जनधन बर्बाद नहीं होना चाहिए। विज्ञापन पर खर्च किसी भी सूरत मे योजना पर होने वाले मूल खर्च से अधिक नहीं होना चाहिए।

उन्होंने कहा कि आज वह वित्त वर्ष 2021-22 से जुड़ी कैग की रिपोर्ट के हवाले से श्रही केजरीवाल से जवाब मांगते कि आखिर कैसे उन्होंने अपनी चार योजनाओं के प्रचार पर मूल योजना खर्च से 31 गुणा अधिक खर्च कर दिया।

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