फर्जी दस्तावेजों से गाडिय़ां फाइनेंस करने का मामला
जबलपुर: फर्जी दस्तावेजों के गाडी फाइनेंस कराने वाले संगठित गिरोह का पर्दाफाश करने के बाद जबलपुर एसटीएफ इकाई ने जांच का दायरा बढ़ा दिया है। टीम एक-एक करके सभी कडिय़ा जोड़ रही है तो वैस-वैसे नई जानकारियां भी टीम के हाथ लग रही है। उम्मीद है कि जल्द ही इस फर्जीवाड़े में कई और चेहरे बेनकाब होगे।विदित हो कि लोन दिलाने के नाम लोगों से दस्तावेज लेकर फर्जीवाड़ा करते हुए वाहनों को शोरूम से फाइनेंस करवाने वाले गिरोह का पर्दाफाश हुआ। मामले में एसटीएफ ने आरोपी प्रशांत कुशवाहा को पकड़ा।
पूछताछ में उसने बताया कि गिरोह में इन्द्रजीत, विवेक सिंह राजपूत, प्रवीण सोनी समेत अन्य महिलाएं शामिल है। प्रशांत, विवेक सिंह एवं इन्द्रजीत लोगों को लोन दिलाने का झांसा देकर दस्तावेज लेते और फिर उनके जरिए वाहन फाइनेंस करवा लेते थे। प्रशांत कुशवाहा, निवासी रांझी आरोपी द्वारा वाहन फाइनेंस कराने में दलाली का कार्य करता था। इन्द्रजीत कुशवाहा, निवासी रांझी आरोपी सीधे साधे लोगो को दो पहिया वाहन फाइनेंस कराता था। प्रवीण सोनी, निवासी धनौरा जिला सिवनी आरोपी द्वारा ऋणशुदा दो पहिया वाहन प्राप्त कर अन्य व्यक्तियों को बेचता था।
शहर से फाइनेंस, ग्रामीण अंचल में बेचे
वाहन फाइनेंस होने के बाद प्रशांत और इन्द्रजीत वाहन प्रवीण को दे देते थे जिसे प्रवीण महंगे दामों में ग्रामीण इलाकों में बेच देता था और वाहन मालिक को इस संबंध में कोई जानकारी नहीं होती थी। मामले में 25 लाख रुपए कीमत के 21 दो पहिया वाहन भी जप्त किए गए है।
एजेंटों का ब्यौरा जुटाया
आरोपियों ने शहर के लगभग सभी शोरूमों से वाहन फाइनेंस कराये है। आरोपियों ने कोटक महिन्द्रा, आईसीआईसीआई और बजाज फाइनेंस समेत कई कम्पनियों के एजेंट्स के साथ मिलकर यह फर्जीवाड़ा किया। एसटीएफ अब एजेंटों का पूरा ब्यौरा जुटाने के साथ उनसे पूछताछ की तैयारी में है जिसमेें बड़े खुलासे हो सकते है।