नयी दिल्ली 11 मार्च (वार्ता) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को हरियाणा के गुरूग्राम में आयोजित एक कार्यक्रम में लगभग 112 करोड़ रुपये की लागत की देश भर की 112 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया।
इस मौके पर देशभर से लाखों लोग तकनीक के माध्यम से इस आयोजन से जुड़े।
प्रधान मंत्री ने कहा कि आज देश ने आधुनिक ‘कनेक्टिविटी’ की दिशा में एक और बड़ा तथा महत्वपूर्ण कदम उठाया है। ऐतिहासिक द्वारका एक्सप्रेसवे के हरियाणा खंड को समर्पित करने पर खुशी व्यक्त करते हुए श्री मोदी ने कहा कि यह दिल्ली और हरियाणा के बीच यात्रा के अनुभव को हमेशा के लिए बदल देगा और इससे ‘न केवल वाहनों के गीयर में बल्कि क्षेत्र के लोगों के जीवन में भी बदलाव आएगा’।
श्री मोदी ने परियोजनाओं के कार्यान्वयन की गति में तेजी लाने पर जोर देते हुए कहा कि इस वर्ष के तीन महीनों से भी कम समय में 10 लाख करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाएं या तो राष्ट्र को समर्पित की जा चुकी हैं या उनका शिलान्यास किया जा चुका है। आज एक लाख करोड़ रुपये से अधिक की 100 से अधिक परियोजनाओं में दक्षिण में कर्नाटक, केरल और आंध्र प्रदेश की विकास परियोजनाएं शामिल हैं, उत्तर में उत्तर प्रदेश और हरियाणा से संबंधित विकास कार्य हैं, पूर्व में बंगाल और बिहार की परियोजनाएं शामिल हैं। पश्चिम से महाराष्ट्र, पंजाब और राजस्थान की प्रमुख परियोजनाएँ हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि इन परियोजनाओं में अमृतसर भटिंडा जामनगर कॉरिडोर में 540 किलोमीटर की वृद्धि और बेंगलुरु रिंग रोड का विकास शामिल है।
प्रधानमंत्री ने समस्याओं से संभावनाओं की ओर बदलाव पर प्रकाश डालते हुए बुनियादी ढांचे के विकास पर जोर दिया। उन्होंने चुनौतियों को अवसरों में बदलने के महत्व को रेखांकित किया, जो उनके शासन की पहचान है।
प्रधानमंत्री ने बाधाओं को विकास के रास्ते में बदलने की अपनी सरकार की प्रतिबद्धता के प्रमाण के रूप में द्वारका एक्सप्रेसवे का उदाहरण दिया। उन्होंने याद दिलाया कि पहले यह क्षेत्र जहां अब एक्सप्रेसवे बनाया गया है, असुरक्षित माना जाता था, लोग सूर्यास्त के बाद वहां जाने से बचते थे लेकिन अब यह कारपोरेट जगत के लिए एक केंद्र के रूप में कार्य कर रहा है।
श्री मोदी ने द्वारका एक्सप्रेसवे के रणनीतिक महत्व पर प्रकाश डालत हुए कहा कि यह दिल्ली में इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे को जोड़ता है। उन्होंने कहा कि ऐसी बुनियादी ढांचागत परियोजनाएं कनेक्टिविटी बढ़ाती हैं, जिससे आर्थिक गतिविधियों में तेजी आती है।