140 से 170 तक पहुंचता है पानी
नवभारत न्यूज
रीवा, 17 अप्रैल, गर्मी शुरू होते ही जिले के कई स्थानों पर भू-जल स्तर में गिरावट का सिलसिला शुरू हो गया है. जिले में तीन तहसीलें ऐसी हैं, जहां का जल स्तर सामान्य के नीचे पहुंच चुका है. इन तीनों तहसीलों के लगभग एक दर्जन गांव ऐसे हैं, जहां हर वर्ष अप्रैल की शुरूआत में ही भू-जल स्तर सामान्य के नीचे चला जाता है. जिसके कारण लोगो को पानी के लिये भटकना पड़ता है, इस बार बहुत कम वर्षा हुई जिसके कारण जल संकट अभी से गहराने लगा है.
गौरतलब है कि रीवा जिले में बाणसागर की नहरों के साथ कई नदियां और बड़े नाले भी हैं. जिससे इनके किनारे बसे क्षेत्रों का भू-जल स्तर बना रहता है. लेकिन जहां यह जल स्त्रोत नहीं हैं, वहां अप्रैल माह की शुरूआत से ही भू-जल स्तर में गिरावट आनी शुरू हो जाती है. बारिश कम होने की वजह से इस बार भी ऐसी स्थिति निर्मित होनी शुरू हो गई है. जिले के अन्य हिस्सों में जहां अप्रैल से जून माह में भू-जल स्तर 90 से 130 फिट पर रहता है, वहीं इन प्रभावित गांवों का जल स्तर अप्रैल से जून माह में 140 से 170 फिट नीचे चला जाता है. दरअसल इन गांवों में कोई जल स्त्रोत नहीं है. जिससे इन गांवों का जल स्तर बना रह सके. बताया गया है कि गर्मी के दिनों में इन गांवों में न ट्यूबवेल काम करते हैं और न ही हैण्डपंप, ऐसी स्थिति में यहां रहने वाले ग्रामीणों को पानी लेने दूसरे गांवों में जाना पड़ता है.
कमिश्नर लगातार कर रहे समीक्षा
कमिश्नर गोपाल चंद्र डाड द्वारा रीवा एवं मऊगंज जिले में पानी की समस्या को लेकर लगातार समीक्षा कर रहे हैं. उन्होंने लोक स्वास्थ्य यांत्रिकीय विभाग को रीवा और मऊगंज जिले के सभी विकासखंडों के जल स्तर की जानकारी एकत्र करने को कहा है. कमिश्नर ने अपने निर्देश में यह भी कहा है कि अप्रैल से जून माह तक विकासखंडों में अलग-अलग महीनों में जल स्तर कितने नीचे जाएगा, इसका भी आंकलन किया जाए. जिससे पानी के संकट को देखते हुए जल अभाव ग्रस्त क्षेत्रों में पानी की उपलब्धता बनाने वैकल्पिक व्यवस्था की जा सके.
जानकारी के अनुसार त्योंथर तहसील के पश्चिमी हिस्से नौबस्ता, डाढ़, सोहर्वा, गढ़ी के अलावा लाद, झिरिया और महेबा गांव का जल स्तर के नीचे आने की संभावना मानी जा रही है. हर वर्ष अप्रैल में इन गांवों का भू-जल स्तर नीचे चला जाता है. इसके अलावा सेमरिया तहसील के बरा और बधरा, लैन, ककरेड़ी, मैनहा सहित आसपास के क्षेत्रों में भी भू- जल स्तर डेढ़ सौ फिट के नीचे पहुंच जाता है. इतना ही नहीं हनुमना तहसील के जडकुड़ और पिपराही गांवों में भी भू- जल स्तर में गिरावट का क्रम पहले ही शुरू हो जाता है.