इंदौर: क्राइम ब्रांच की टीम ने ऑनलाइन ठगी के एक मामले में राजस्थान के जोधपुर से एक आरोपी को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तारी डिजिटल ठगी के उस मामले से जुड़ी है, जिसमें इंदौर के एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर से 1 लाख 35 हजार रुपए ठगे थे.एडिशनल डीसीपी राजेश दंडोतिया ने बताया कि फरियादी इंजीनियर ने बताया कि 17 दिसंबर 2024 को उन्हें एक कॉल आया, जिसमें खुद को कोरियर सर्विस और दिल्ली साइबर सेल का अधिकारी बताया गया. आरोपी ने आधार कार्ड के दुरुपयोग और मनी लॉन्डि्रंग जैसे आरोप लगाकर पीड़ित को भ्रमित किया और वीडियो कॉल के जरिए उनसे लगातार संपर्क बनाए रखा था. जिसके बाद स्कैमर्स ने पीड़ित को फर्जी जांच और बेल फीस के नाम पर पैसे ट्रांसफर करने के लिए मजबूर कर दिया था. जिसके चलते फरियादी ने 1 लाख 35 हजार रुपए गवां दिए थे. क्राइम ब्रांच आरोपी का रिमांड पर लेकर गैंग के अन्य सदस्यों और उनके काम करने के तरीकों के साथ ही ठगी की प्रक्रिया किस प्रकार से की जाती है, के बारे में जानकारी ले रही है. साथ ही ठगी में इस्तेमाल किए गए सभी बैंक खातों को फ्रीज कर जांच कर रही है.
नीट की तैयारी कर रहा था आरोपी
फरियादी की शिकायत पर क्राईम ब्रांच ने तकनीकी जांच और बैंक खातों की ट्रैकिंग के जरिए आरोपी विक्रम विश्नोई को जोधपुर से गिरफ्तार कर लिया. प्रारंभिक पूछताछ में आरोपी ने बताया कि वह 12 वीं पास है और नीट की तैयारी कर रहा है.
गैंग की भूमिका
आरोपी गैंग के लिए ठगी की राशि अन्य खातों में ट्रांसफर करने का काम करता था. उसे और खाताधारक को प्रत्येक ट्रांजेक्शन पर 10 प्रतिशत कमीशन मिलता था. पीड़ित से ठगी गई राशि में से 35 हजार रुपए उसके साथी के खाते में ट्रांसफर किए गए थे, जिसे बाद में अन्य खातों में भेजा गया