नयी दिल्ली 21 दिसंबर (वार्ता) केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जे पी नड्डा ने शनिवार को कहा कि राज्यों के पास पहले से ही टीबी की दवाओं का लगभग दो महीने का भंडार है और केंद्र कम से कम छह महीने की दवाओं का अग्रिम भंडार सुनिश्चित करने की दिशा में काम कर रहा है।
श्री नड्डा ने यहां 100 दिवसीय सघन टीबी उन्मूलन अभियान पर मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक करते हुए कहा कि अभियान की प्रगति की निगरानी करने, अन्य मंत्रालयों और विभागों को शामिल करने और विधानसभाओं और विधान परिषदों के सदस्यों के साथ-साथ पंचायती राज संस्थाओं के सहयोग को प्रोत्साहित करने की जरुरत है। उन्होंने कहा कि भारत में वर्ष 2015 से वर्ष 2024 तक टीबी में कमी की दर 17.7 प्रतिशत है, जो वैश्विक औसत 8.3 प्रतिशत से दोगुनी है। पिछले 10 वर्षों में भारत में टीबी के कारण होने वाली मौतों में 21.4 प्रतिशत की कमी आई है। उन्होंने बताया कि 100 दिवसीय अभियान 347 चिन्हित प्राथमिकता वाले जिलों में कार्यान्वित किया जा रहा है, जहां व्यापक और नयी रोगी-केंद्रित सेवाएं प्रदान की जा रही हैं।
ऑनलाइन रुप से आयोजित की गयी इस बैठक में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों और उपराज्यपालों तथा स्वास्थ्य मंत्रियों ने भाग लिया। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव भी बैठक में शामिल हुए।
बैठक में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव, गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल, राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा, त्रिपुरा के मुख्यमंत्री मानिक साहा, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, आंध्र प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री सत्य कुमार यादव, अरुणाचल प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री बियुराम वाहगे, असम के स्वास्थ्य मंत्री अशोक सिंघल, हरियाणा की स्वास्थ्य मंत्री आरती राव, जम्मू कश्मीर की स्वास्थ्यमंत्री सकीना इटू, हिमाचल प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. (कर्नल) धनी राम शांडिल, गोवा के स्वास्थ्य मंत्री विश्वजीत पी. राणे,
कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडू राव, नागालैंड के स्वास्थ्य मंत्री पी. पैवांग कोन्याक, उड़ीसा के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मुकेश महालिंग, पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. बलबीर सिंह, केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज, तमिलनाडु के स्वास्थ्य मंत्री मा. सुब्रमण्यम, झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी, तेलंगाना के स्वास्थ्य मंत्री दामोदर राजनरसिम्हा, मेघालय की स्वास्थ्य मंत्री माजेल अम्पारीन लिंगदोह, मिजोरम के स्वास्थ्य मंत्री पी लालरिनपुई और दिल्ली के श्रम मंत्री रमाकांत गोस्वामी मौजूद रहे।
श्री नड्डा ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से राज्य स्तर पर अभियान की निगरानी करने और जिला स्तर पर राजनीतिक और प्रशासनिक नेतृत्व की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने सुझाव दिया कि सरकार के समग्र दृष्टिकोण को सुनिश्चित करने के लिए, राष्ट्रीय स्तर पर अपनाए गए दृष्टिकोण के समान, जनभागीदारी की भावना में अभियान गतिविधियों में अन्य मंत्रालयों और विभागों को शामिल किया जा सकता है।उन्होंने मुख्यमंत्रियों से भी अनुरोध किया कि वे निर्वाचित प्रतिनिधियों, विशेष रूप से विधान सभाओं और परिषदों के सदस्यों के साथ-साथ पंचायती राज संस्थाओं को भी शामिल करें और समुदायों को संगठित करने में मदद करने के लिए उनकी सक्रिय भागीदारी को प्रोत्साहित करें।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि राज्यों के पास टीबी की दवाओं का लगभग दो महीने का भंडार पहले से ही मौजूद है और कहा कि केंद्र राज्यों में कम से कम छह महीने की टीबी दवाओं का अग्रिम भंडार उपलब्ध कराने की दिशा में काम कर रहा है।
इस कार्यक्रम में 100 दिवसीय अभियान का अवलोकन प्रस्तुत किया गया जिसका उद्देश्य देश भर के 347 प्राथमिकता वाले जिलों में टीबी और टीबी के कारण होने वाली मृत्यु दर को कम करना है। बैठक में बताया गया कि पहचान बढ़ाने के लिए, निदान और उपचार आरंभ में देरी को कम करने के लिए उन्नत स्क्रीनिंग और नैदानिक तकनीकों का उपयोग करके गहन केस फाइंडिंग अभियान चलाए जाएंगे।