
खरगोन, 17 दिसम्बर (वार्ता) मध्यप्रदेश के खरगोन स्थित कृषि उपज मंडी में सीसीआई द्वारा सीमित रूप से कपास की खरीदी और नियमों में बदलाव किए जाने को लेकर प्रदर्शन के चलते प्रशासन के हस्तक्षेप के बाद टोकन सिस्टम लागू कर दिया गया।
खरगोन के एसडीएम बीएस कलेश ने बताया कि शनिवार और रविवार खरीदी बंद होने के बाद आज इसकी शुरुआत हुई थी। करीब 1000 से अधिक वाहन आ जाने के चलते परेशानी आई और किसानों ने हंगामा कर दिया।
उन्होंने बताया कि हंगामा कर रहे किसानों को समझाइश दी गई और उन्हें टोकन वितरित किए गए, ताकि वह इसके हिसाब से अपनी उपज को बेच सकें। उन्होंने बताया कि कपास की उपज को व्यापारी भी खरीद रहे हैं लेकिन किसान अच्छी कीमत के चलते सीसीआई को ही बेचना चाहता है। इसके बाद किसानों का प्रदर्शन समाप्त हो गया।
खरगोन की कृषि उपज मंडी सूत्रों ने बताया कि सीसीआई फिलहाल 7124 रु से 7421 रुपये प्रति क्विंटल के भाव से खरीदी कर रही है वहीं व्यापारी 6500 रु प्रति क्विंटल से 6600 रुपये में खरीदी कर रहा है, इसलिए किसान सीसीआई को ही अपनी उपज बेचना चाहते हैं।
उन्होंने बताया कि खरगोन जिले में सीसीआई खरगोन जिला मुख्यालय पर 250 कसरावद में 50 और करही में 50 वाहन प्रतिदिन खरीद रही है। उन्होंने कहै कि सीसीआई सीमित संख्या में कपास खरीद पाता है क्योंकि पंजीयन से बिक्री तक की प्रक्रिया में समय लगता है। उन्होंने बताया कि पंजीयन के बाद सीसीआई नीलामी में कपास का सिलेक्शन करता है और उसके बाद निर्धारत जिनिंग फैक्ट्री परिसर में इसका तौल किया जाता है, और बिल जेनरेट होता है। इसमें फोटो तथा अन्य डॉक्यूमेंट अपलोड करने की प्रक्रिया होती है, जिसके चलते समय लगता है किसान को उसके खातों में दो से तीन दिन में भुगतान प्राप्त हो जाता है।
उन्होंने बताया कि इंदौर स्थित सीसीई ऑफिशियल से चर्चा कर टोकन जेनरेट कर दिए गए हैं और इसके तहत आगामी दो दिनों में किसानों से खरीदी की जाएगी। इसके अलावा आगामी दो दिनों तक प्रति हैक्टेयर 12 क्विंटल की दर से ही खरीदी की जाएगी। सोमवार से यह खरीदी मध्य प्रदेश शासन के कृषि विभाग मुख्यालय के निर्देशों के मुताबिक 5. 44 किलो प्रति हेक्टेयर के हिसाब से खरीदी जाएगी।
उन्होंने बताया कि सोमवार को 34 बैलगाड़ी और 1166 वाहनों से करीब 21,600 क्विंटल कपास मंडी पहुंचा था। उन्होंने बताया कि खरगोन जिले में अभी तक सीसीआई 1 लाख 92 हजार 609 क्विंटल कपास की खरीदी कर चुका है।