सीईओ की मेहरबानी… लाखों की धान का गोलमाल करने वाले समिति प्रबंधक को फिर बना दिया गया उपार्जन केन्द्र प्रभारी

० मामला जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित सीधी के सीईओ द्वारा बिठौली उपार्जन केन्द्र में हजारों क्विंटल कम धान जमा करने वाले समिति प्रबंधक को उपार्जन केन्द्र अमिरती का प्रभारी बनाने का

नवभारत न्यूज

सीधी 16 दिसम्बर। सीईओ की मेहरबानी से लाखों की धान का गोलमाल करने वाले समिति प्रबंधक को फिर उपार्जन केन्द्र का प्रभारी बना दिया गया। मामला जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित सीधी के सीईओ द्वारा बिठौली उपार्जन केन्द्र में हजारों क्विंटल कम धान जमा करने वाले समिति प्रबंधक को उपार्जन केन्द्र अमिरती का प्रभारी बनाने का सामने आया है।

दरअसल सेवा सहकारी समिति मर्यादित अमिरती में पदस्थ समिति प्रबंधक व्यासमुनि पटेल द्वारा वर्ष 2023-24 की धान खरीदी में संस्था बिठौली के समिति प्रबंधक के रूप में कार्य कर रहे थे। इनके द्वारा सुनियोजित तरीके से 1483 क्विंटल धान का शार्टेज कर लगभग 35 लाख का गबन कर लिया गया। यह मामला सामने आने पर कागजों में कार्यवाही प्रस्तावित की गई। किन्तु दोषी के विरूद्ध अभी तक वसूली की कार्रवाई करने की जरूरत जिम्मेदारों द्वारा नहीं समझी गई। इसी बीच बैंक के मुख्य कार्यपालन अधिकारी कमल माकाश्रे द्वारा दोषी कर्मचारी को संस्था अमिरती में वर्ष 2024-25 धान खरीदी हेतु उपार्जन केन्द्र प्रभारी बना दिया गया। साथ ही एक और केन्द्र बिठौली में अमिरती क्रमांक 2 के नाम से भी बनवा दिया गया।

सूत्रों का कहना है कि उप आयुक्त सहकारिता सीधी एवं संस्था अमिरती के प्रशासक द्वारा गबन करने वाले समिति प्रबंधक व्यासमुनि पटेल को अन्यत्र स्थानांतरित करने के संबंध में लिखित पत्राचार करने के उपरांत भी जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित सीधी के सीईओ कमल माकाश्रे द्वारा स्थानांतरित न कर बैंक में गबन को सह दिया जा रहा है। यह मामला काफी सुर्खियों में बना हुआ है। चर्चा के दौरान कुछ जानकारों का कहना था कि जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित सीधी की छवि इसी वजह से लगातार दागदार हो रही है। बैंक के कई कर्मचारी ऐसे हैं जो कि गबन के मामले में लिप्त रहे हैं उनके विरूद्ध जांच तो शुरू हुई लेकिन कार्रवाई कुछ नहीं हुई। ऐसे लोगों को सीट बदल-बदलकर उपाकृत किया जा रहा है। इसी वजह से समिति प्रबंधक व्यासमुनि पटेल जिनको गबन के चलते इस वर्ष धान उपार्जन की जिम्मेदारी नहीं मिलनी चाहिये, फिर भी उनको अमिरती संस्था में करते हुये उन्हें 1 के बदले 2 खरीदी केन्द्र सौंप दिया गया।

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धान खरीदी के खेल में सब होते हैं मालामाल

जिले में खरीफ सीजन की फसल धान की खरीदी शुरू होते ही व्यवस्था से जुड़े सभी मालामाल होने लगते हैं। धान खरीदी का इंतजार सबसे ज्यादा किया जाता है। जानकारों की माने तो धान खरीदी केन्द्र का प्रभारी बनने के लिये लंबी दौड़-धूप शुरू होती है। हिस्सेदारी तय होने के बाद संबंधित को धान खरीदी केन्द्र का प्रभारी बनाया जाता है। खरीदी केन्द्र में धान पहुंचने के बाद से गोलमाल शुरू हो जाता है। वजन बढ़ाने के लिये तरह-तरह के हथकंड़े अपनाये जाते हैं।

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आखिर समिति प्रबंधक पर क्यों मेहरबान हैं सीईओ

बिठौली उपार्जन केन्द्र में लाखों की धान का गोलमाल के दोषी समिति प्रबंधक व्यास मुनि पटेल के खिलाफ सेवा सहकारी समिति मर्यादित अमिरती के प्रशासक एवं उप आयुक्त सहकारिता के पत्राचार के बाद भी जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित सीधी के सीईओ आखिर क्यों मेहरबान है इस सवाल के साथ सीईओ की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े होना लाजिमी है।

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इनका कहना है

अमिरती समिति प्रबंधक व्यासमुनि पटेल वर्ष 2023-24 में धान खरीदी संस्था बिठौली के समिति प्रबंधक थे। उस दौरान 1483 क्विंटल धान शार्टेज हुई थी। जिस पर कार्रवाई प्रस्तावित है। उनके द्वारा डीआर कार्यालय को पत्र लिखकर इनके अमिरती से स्थानांतरण की मांग की गई है।

मनीष द्विवेदी, प्रशासक, सेवा सहकारी समिति अमिरती

समिति प्रबंधक व्यासमुनि पटेल के पिछले कार्यकाल में धान शार्टेज का मामला सामने आया था। यह बैंक एम्प्लाइज हैं इसलिये इनको चेंज करने के लिये सीईओ को आपरेटिव बैंक सीधी को करीब सप्ताह भर पहले पत्र भेजा गया है।

दिप्ती वनवासी, उप आयुक्त, सहकारिता सीधी

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