डूबने से दुनिया में हर साल तीन लाख मौत, आधे 29 साल से कम के : डब्ल्यूएचओ

जिनेवा/ नयी दिल्ली 14 दिसंबर (वार्ता) विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने डूबने से मरने वालों की रोकथाम पर अपनी पहली रिपोर्ट प्रकाशित की, जिसमें 2000 के बाद से विश्व में डूबने से होने वाली मृत्यु दर में 38 प्रतिशत की गिरावट आयी है, लेकिन कम आय वाले देशों में यह जोखिम ऊंचा बना हुआ है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि डूबना एक प्रमुख सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या बनी हुई है, जिसमें अनुमान है कि हर घंटे 30 से अधिक लोग डूब रहे हैं और अकेले 2021 में तीन लाख लोगों की डूबने से मौत हुई। करीब डेढ लाख लोगों की मौत 29 वर्ष से कम उम्र में हुई है और एक चौथाई मरने वाले पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चे होते हैं। वयस्कों की देखरेख के बिना बच्चों में डूबने का जोखिम विशेष रूप से अधिक होता है।

डब्ल्यूएचओ ने डूबने से मौत की गिरावट को वैश्विक स्वास्थ्य के लिए एक बड़ी उपलब्धि बताया है, लेकिन उन्होंने कहा है कि यदि मौजूदा रुझान जारी रहे, तो वर्ष 2050 तक 72 लाख से अधिक लोग, मुख्य रूप से बच्चे डूबने से मर सकते हैं।

डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि उसके द्वारा सुझाए गए हस्तक्षेपों को लागू करके डूबने से होने वाली अधिकतर मौतों को रोका जा सकता है।

डब्ल्यूएचओ डूबने से होने वाली मौत की रोकथाम के लिए समुदाय-आधारित कार्रवाइयों की एक श्रृंखला की सिफारिश की है।

डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक डॉ. टेड्रोस एडनॉम घेब्रेयसस ने कहा, “वर्ष 2000 से डूबने से होने वाली मौतों में उल्लेखनीय गिरावट सुखद है और यह इस बात का सबूत है कि डब्ल्यूएचओ द्वारा सुझाए गए सरल, व्यावहारिक हस्तक्षेप कारगर साबित हो रहे हैं।”

रिपोर्ट के अनुसार, वैश्विक स्तर पर, डूबने से होने वाली 10 में से नौ मौतें निम्न और मध्यम आय वाले देशों में होती हैं। अफ्रीकी क्षेत्र में डूबने से प्रति एक लाख लोगों में 5.6 मौतों का औसत किसी अन्य क्षेत्र की तुलना में सबसे अधिक दर है। अफ्रीकी क्षेत्र में केवल 15 प्रतिशत देशों के पास डूबने की रोकथाम के लिए राष्ट्रीय रणनीति या योजना थी, जबकि यूरोपीय क्षेत्र के 45 प्रतिशत देशों के पास थी।

डब्ल्यूएचओ डूबने की रोकथाम के लिए समुदाय-आधारित कार्रवाइयों की एक श्रृंखला की सिफारिश की है। इनमें बच्चों को पानी तक पहुँचने से रोकने के लिए अवरोधों की स्थापना, विद्यालय जाने की उम्र से पहले के बच्चों के लिए पानी से दूर सुरक्षित स्थानों का प्रावधान, स्कूली बच्चों को बुनियादी तैराकी जल सुरक्षा और सुरक्षित बचाव कौशल सिखाना, लोगों को बचाव और पुनर्जीवन में प्रशिक्षण देना, डूबने के बारे में सार्वजनिक जागरूकता को मजबूत करना, सुरक्षित नौकायन, शिपिंग और नौका विनियम स्थापित करना और लागू करना, और बाढ़ जोखिम प्रबंधन में सुधार करना जैसी सिफारिशें शामिल हैं

Next Post

राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस पर प्रमुख ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म सुरक्षा प्रतिज्ञा लेंगे

Sat Dec 14 , 2024
Share on Facebook Tweet it Share on Reddit Pin it Share it Email नयी दिल्ली, 14 दिसंबर (वार्ता) ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म से उत्पाद खरीदने वाले उपभोक्ताओं के हितों की सुरक्षा के लिए केन्द्र सरकार के उपभोक्ता मामले विभाग ने उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाते […]

You May Like