विरासत के साथ विकास के सिद्धांत पर कार्य कर मध्यप्रदेश को बनाएंगे समृद्ध: यादव

भोपाल, 13 दिसंबर (वार्ता) मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा है कि मध्यप्रदेश की समृद्धि की दिशा में केन-बेतवा लिंक और पार्वती-काली सिंध-चंबल परियोजनाएं मील का पत्थर सिद्ध होंगी। मध्यप्रदेश सरकार विरासत के साथ विकास में विश्वास रखते हुए नागरिकों का जीवन समृद्ध बनाने के लिए सक्रियता से कार्य कर रही है।

डॉ यादव आज यहां रवीन्द्र भवन सभागार में ‘कलाओं की विविधता का उत्सव : विरासत’ को संबोधित कर रहे थे। प्रारंभ में मुख्यमंत्री ने रवीन्द्र भवन में ‘कलाओं की विविधता का उत्सव ‘विरासत’ का दीप प्रज्ज्वलित कर शुभारंभ किया। डॉ यादव ने इस अवसर पर विरासत कार्यक्रम में प्रस्तुति देने आए कलाकारों को सम्मानित किया और संस्कृति विभाग द्वारा प्रकाशित विभिन्न पुस्तकों का विमोचन किया।

कार्यक्रम में खेल एवं युवा कल्याण मंत्री विश्वास सारंग, जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कृष्णा गौर, भोपाल महापौर मालती राय, सभापति भोपाल नगर निगम किशन सूर्यवंशी, विधायक भगवानदास सबनानी, सुमित पचौरी, जनप्रतिनिधि और बड़ी संख्या में नागरिक उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश के बुंदेलखंड और चंबल अंचल के साथ ही मालवा क्षेत्र में समृद्धि लाने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 2 महत्वपूर्ण नदी जोड़ो परियोजनाएं स्वीकृत की गई हैं। इन परियोजनाओं में से पार्वती-कालीसिंध-चंबल परियोजना का शिलान्यास आगामी 17 दिसम्बर को जयपुर में और केन-बेतवा परियोजना का 25 दिसम्बर को खजुराहो (छतरपुर) में होने जा रहा है। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने इन कार्यक्रमों में आने की सहमति दी है।

डॉ यादव ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री भारत रतन स्व. अटल बिहारी वाजपेई ने नदी जोड़ो परियोजना का स्वप्न देखा था। इसे साकार करने का अवसर प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में केन्द्र सरकार और साथ ही मध्यप्रदेश, राजस्थान और उत्तरप्रदेश 3 राज्य सरकारों को मिला है। यह पूर्व प्रधानमंत्री स्व. वाजपेई की जयंती का 100वां वर्ष है। स्व. वाजपेई के जन्म के 100वें वर्ष में इन परियोजनाओं का शिलान्यास इस माह किया जाना पूर्व प्रधानमंत्री श्री वाजपेई को संपूर्ण राष्ट्र की आदरांजलि भी है। मध्यप्रदेश के बड़े इलाके को सिंचाई और पेयजल का लाभ मिलेगा। जब पानी की उपलब्धता पर्याप्त हो तो, कार्य के लिए पलायन की प्रवृत्तियां भी थम जाती हैं।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी की निर्धनों, किसानों, महिलाओं और युवाओं के कल्याण की प्राथमिकता के अनुसार मध्यप्रदेश सरकार ने इन क्षेत्रों में योजनाओं के क्रियान्वयन पर विशेष ध्यान दिया है। युवाओं के स्वप्न सच करने के लिए, उन्हें हुनरमंद बनाने के लिए और राष्ट्र की प्रगति में बेहतर योगदान देने के लिए मध्यप्रदेश सरकार गतिशील रहेगी।

डॉ यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी एक ऐसे राजनेता हैं, जिन्होंने 50 वर्ष की आयु तक कोई चुनाव नहीं लड़ा था। इस आयु के पश्चात उन्होंने 3 बार गुजरात के मुख्यमंत्री और देश के प्रधानमंत्री के रूप में विकास के नए आयाम रचे हैं। उन्होंने केन्द्र में एक‍दल के बलबूते पर सरकार बनाने में सफलता अर्जित की है। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने प्रत्येक वर्ग के कल्याण की चिंता की है। मध्यप्रदेश जो गत दशक में कृषि के विकास, अधोसंरचना विकास की दृष्टि से आगे बढ़ा है, अब महत्वपूर्ण परियोजनाओं के माध्यम से समृद्धि के नए आयाम स्थापित करेगा।

मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में उपस्थित अभिनेता श्री रणदीप हुड्डा का उल्लेख करते हुए उनकी अभिनय प्रतिभा की सराहना की। डॉ यादव ने कहा कि श्री रणदीप हुड्डा ने अभिनय का मार्ग चुना और वीर सावरकर के चरित्र को परदे पर प्रभावशाली ढंग से निभाया। वीर सावरकर जी के इस योगदान को सिनेमा के माध्यम से राष्ट्र के सम्मुख लाना प्रशंसनीय है।

कार्यक्रम में श्री रणदीप हुड्डा ने कहा कि वे मध्यप्रदेश में प्रकृति, संस्कृति और विकास का अद्भुत समन्वय देखकर प्रसन्न हुए हैं। उन्होंने कहा कि उनकी जन्मभूमि हरियाणा और कर्मभूमि मुम्बई है, लेकिन वे भगवान श्रीकृष्ण के मध्यप्रदेश में शिक्षा ग्रहण करने के ऐतिहासिक तथ्य और वर्तमान में पर्यटन एवं वन्य जीव संरक्षण में प्रदेश की प्रगति के कारण इसे सुकून-भूमि मानते हैं।

उन्होंने मध्यप्रदेश में फिल्म संस्थान एवं फिल्म सिटी के विकास की संभावनाओं को साकार करने का आग्रह किया। श्री हुड्डा ने मुख्यमंत्री डॉ यादव को मध्यप्रदेश में प्रकृति, संस्कृति और विकास के शानदार तालमेल के लिए उनकी महत्वूपर्ण भूमिका के लिए बधाई दी।

विरासत कार्यक्रम में सुश्री स्वस्ति मेहुल, मुंबई ने अपने कलाकार दल के साथ लोकप्रिय भजन मेरी झोपड़ी के भाग्य आज खुल जाएंगे राम आयेंगे… प्रस्तुत किया। सुश्री स्वस्ति मेहुल ने भगवान श्री कृष्ण की स्तुति में भी कर्णप्रिय भजन प्रस्तुत किए। उन्होंने कृष्ण-सुदामा की मैत्री की थीम पर भजनों की भावपूर्ण प्रस्तुति दी। ‘मध्यप्रदेश : स्वर की समता नृत्य नाटिका” की मनमोहक प्रस्तुति सुश्री जयलक्ष्मी ईश्वर नई दिल्ली के निर्देशन में कलाकार दल द्वारा दी गई। कार्यक्रम में कलाकार दल ने मध्यप्रदेश के प्रमुख पर्यटन और धार्मिक स्थलों पर केन्द्रित विशेष नृत्य-गीत कार्यक्रम भी प्रस्तुत किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सभी कलाकारों की प्रस्तुति की सराहना की। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर गौ एवं गौपाल तथा श्रीमद्भागवत पुराण आधारित चित्र प्रदर्शनी देखी।

संस्कृति विभाग के प्रमुख सचिव शिव शेखर शुक्ला ने अतिथियों का स्वागत करते हुए संस्कृति और पर्यटन विभाग की गतिविधियों का विवरण दिया। कार्यक्रम में मध्यप्रदेश गान भी प्रस्तुत किया गया।

 

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