नयी दिल्ली (वार्ता) सार्वजनिक क्षेत्र की एनएलसी इंडिया लिमिटेड (एनएलसीआईएल) ने गुरुवार को उत्तर प्रदेश में अपने 3 x 660 मेगावाट सुपरक्रिटिकल घाटमपुर ताप विद्युत संयंत्र (जीटीपीपी) की पहली इकाई के वाणिज्यिक संचालन की शुरुआत की घोषणा की।
कंपनी ने बयान जारी कर बताया कि इसे नेवेली उत्तर प्रदेश पावर लिमिटेड (एनयूपीपीएल) के माध्यम से विकसित किया गया है, जो उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड (यूपीआरवीयूएनएल) के साथ एक संयुक्त उद्यम है। इसकी पहली इकाई ने 07 दिसंबर, 2024 को अपना परीक्षण संचालन सफलतापूर्वक पूरा कर लिया और आज से वाणिज्यिक संचालन शुरू कर दिया। यह मील का पत्थर एनएलसीआईएल के सुपरक्रिटिकल पावर जनरेशन तकनीक में पहला उद्यम है, जो कंपनी के ऊर्जा पोर्टफोलियो को बढ़ाने में एक बड़ी छलांग है।
विशेष रूप से, यह 660 मेगावाट क्षमता वृद्धि महत्वपूर्ण है क्योंकि यह इस वित्तीय वर्ष में भारत में चालू होने वाला पहला जीवाश्म ईंधन आधारित ताप विद्युत संयंत्र है। यह उपलब्धि बिजली क्षेत्र में एनएलसीआईएल की स्थिति और भारत की ऊर्जा सुरक्षा और सतत विकास लक्ष्यों में योगदान देने वाली बड़े पैमाने की परियोजनाओं को निष्पादित करने की इसकी क्षमता को मजबूत करती है। एनएलसीआईएल ने कहा कि ग्रीनफील्ड घाटमपुर ताप विद्युत स्टेशन की पहली 660 मेगावाट इकाई के वाणिज्यिक संचालन के साथ एनएलसी इंडिया लिमिटेड और इसकी समूह कंपनियों की कुल स्थापित बिजली उत्पादन क्षमता 6,071 मेगावाट से बढ़कर 6,731 मेगावाट हो गई है। जीटीपीपी परियोजना उत्तर प्रदेश और असम की बढ़ती बिजली मांगों को पूरा करने के लिए डिज़ाइन की गई है। इसकी सुपरक्रिटिकल तकनीक पारंपरिक संयंत्रों की तुलना में उच्च दक्षता, कम ईंधन खपत और कम उत्सर्जन सुनिश्चित करती है।
परियोजना में एक उन्नत पर्यावरण प्रबंधन प्रणाली है, जिसमें उच्च दक्षता वाले इलेक्ट्रोस्टैटिक प्रीसिपिटेटर और फ़्लू-गैस डिसल्फ़राइज़ेशन इकाइयां शामिल हैं। यह परियोजना एनएलसी इंडिया लिमिटेड और उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड (यूपीआरवीयूएनएल) के बीच दीर्घकालिक साझेदारी में एक नए युग की शुरुआत करती है। नेवेली उत्तर प्रदेश पावर लिमिटेड (एनयूपीपीएल) के माध्यम से, रणनीतिक गठबंधन दोनों संगठनों की विशेषज्ञता का लाभ उठाता है।
एनएलसीआईएल के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक प्रसन्ना कुमार मोटुपल्ली ने कहा, “घाटमपुर में एनएलसीआईएल के पहले सुपरक्रिटिकल विद्युत संयंत्र का सफल संचालन ऊर्जा स्थिरता की दिशा में हमारी यात्रा में एक ऐतिहासिक मील का पत्थर है। यह परियोजना अत्याधुनिक, ऊर्जा-कुशल प्रौद्योगिकियों को अपनाते हुए भारत की बढ़ती बिजली जरूरतों का समर्थन करने की हमारी प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करती है। सुपरक्रिटिकल तकनीक कम उत्सर्जन, उच्च तापीय दक्षता और अधिक टिकाऊ ऊर्जा भविष्य सुनिश्चित करती है। हम शेष इकाइयों को चालू करने के अपने संकल्प में दृढ़ हैं, जो ऊर्जा क्षेत्र में भारत के आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण में योगदान दे रहे हैं।”