नयी दिल्ली 26 नवम्बर (वार्ता) सेना प्रमुख जनरल उपेन्द्र द्विवेदी ने सैन्य-कूटनीतिक तालमेल के महत्व पर जोर देते हुए बाहरी खतरों का मुकाबला करने के लिए परिचालन तत्परता और रणनीतिक समन्वय को जीत का आधार बताया है।
जनरल द्विवेदी ने मंगलवार को पुणे में गिरिनगर स्थित सैन्य प्रोद्योगिकी संस्थान (एमआईएलआईटी) के प्रतिष्ठित मेहरा ऑडिटोरियम में रक्षा सेवा तकनीकी स्टाफ कोर्स (डीएसटीएससी) में प्रशिक्षण ले रहे सेना के युवा सैन्य कमांडरों और अगली पीढ़ी के सैन्य अधिकारियों को संबोधित किया।
सेना प्रमुख ने युद्ध के उभरते तौर तरीकों पर विस्तार से चर्चा की और परिवर्तन की निरंतर गति तथा समय के साथ आगे चलने की आवश्यकता पर जोर दिया। भारत के संदर्भ में उभरते खतरों और चुनौतियों पर प्रकाश डालते हुए जनरल द्विवेदी ने सेना द्वारा की जा रही परिवर्तनकारी पहलों पर जोर दिया। उन्होंने अधिकारियों से परिवर्तन अभियान के अनुरूप बहुमुखी प्रतिभा, अनुकूलनशीलता और दृढ़ संकल्प की भावना को अपनाने का आग्रह किया।
सैन्य-कूटनीतिक तालमेल के महत्व पर जोर देते हुए, सेना प्रमुख ने बाहरी खतरों का मुकाबला करने के लिए एकता की शक्ति का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि परिचालन तत्परता और समन्वय, एक अजय सेना का आधार हैं। सैन्य सोच में बड़े बदलाव का आह्वान करते हुए उन्होंने अधिकारियों से युद्ध के हथियारों और तकनीकों की फिर से कल्पना करने और पुनर्निर्माण का आग्रह किया।