आईटीएमएस सिस्टम पड़ा ठप
जबलपुर: शहर के चौराहों पर लगे इंटेलीजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम यानि आईटीएमएस पूरी तरीके से ठप हो चुके हैं। जिसके चलते वाहन चालक खुलेआम ट्रैफिक नियमों की खिल्ली उड़ा रहे हैं। चौराहे पर जलने वाली लाल, हरी बत्तियों का वाहन चालकों के लिए कोई महत्व नहीं रह गया। इसका कारण स्मार्ट सिटी द्वारा आईटीएमएस सिस्टम बंद करना है। जिसकी वजह से चौराहों पर लगे कैमरे बेअसर हो गए और ई-चालान पूरी तरह बंद हो चुके है। बता दे कि आईटीएमएस सिस्टम लागू होने के पहले ही ट्रैफिक पुलिस चौराहों से गायब हो चुकी थी। तीसरी आँख के भरोसे चौराहों की यातायात व्यवस्था चल रही थी। लेकिन वह भी अब पूरी तरह ठप हो चुकी है। यानी जिसका मन हो वह चौराहे पर रुके, जिसका न हो लालबत्ती में भी आगे बढ़ जाता है।
स्मार्ट सिटी के जिम्मे था
चौराहों पर आईटीएमएस सिस्टम लगने के साथ ही उसके संचालन का जिम्मा स्मार्ट सिटी ने जिस कंपनी को सौंपा था उसे यह काम तीन वर्ष करना था। जिसके बाद कंपनी यहां से चली गई। फिर भी स्मार्ट सिटी के कर्मचारी कुछ सालो तक इसे संचालित करते रहे। लेकिन जब आर्थिक स्थिति ज्यादा ही खराब हुई तो उन्होंने भी बंद कर दिया। दरअसल आईटीएमएस सिस्टम के माध्यम से जो ई-चालान बनते थे उसका कुछ हिस्सा स्मार्ट सिटी को भी मिलना था। लेकिन अभी तक ई-चालान से हुई तकरीबन छह करोड़ की कमाई सरकार के खाते में ही गई है। स्मार्ट सिटी के हाथ कुछ भी नहीं लगा था।
कई जगह लगाए गए थे कैमरे
आईटीएमएस सिस्टम के माध्यम से शहर के बारह चौराहों के साथ साथ बायपास पर भी आठ कैमरे लगाए गए थे। ये कैमरे यातायात का उल्लंघन करने वालों पर नजर रखते थे। इन कैमरों की मदद से ही यातायात पुलिस ने कई बार बायपास पर भी कार्रवाई की है। लेकिन अब सिस्टम बंद होते ही बायपास में लगे कैमरे भी ठप हो गए हैं।
घर पहुंचते थे ई-चालान
लोगो द्वारा लालबत्ती सिग्नल या यातायात के नियमों का उल्लंघन करने पर घर पहुँचने वाले ई-चालान का भय लोगों में दिखने लगा था। सूत्रों की माने तो सरकार को हुई छह करोड़ रुपए की कमाई के अलावा दस से बारह करोड़ रुपए का जुर्माना अभी और वसूलना था। यही कारण था कि लोग लालबत्ती नजर आते ही बिना किसी रोक- टोक के अपने वाहन रोकने लगे थे। यही नहीं यातायात के नियमों के उल्लंघन के मामले भी कम हो रहे थे।
इनका कहना है
आईटीएमएस सिस्टम का कॉन्ट्रैक्ट खत्म हो जाने के कारण यह कैमरे अभी बंद पड़े हैं। इसे फिर से चालू करने के बारे में नगर निगम ही ज्यादा जानकारी दे पाएगी।
प्रदीप शेंडे, एएसपी, यातायात पुलिस