भोपाल में डिजिटल अरेस्ट, पुलिस की लाइव कार्रवाई.

भोपाल:राजधानी भोपाल में दुबई के एक बिजनेसमैन को डिजिटल अरेस्ट का एक मामला सामने आया है। जालसाजों ने उनको फर्जी सीबीआई और साइबर क्राइम के अफसर बनकर 6 घंटे तक डिजिटल अरेस्ट रखा। हालांकि, स्टेट साइबर पुलिस की सक्रियता से व्यापारी ठगी का शिकार होने से बच गए।  पुलिस ने मौके पर जाकर लाइव ही व्यापारी को छुड़ाया। संभवत: इस तरह का देश का यह पहला मामला बताया जा रहा है। जालसाजों ने इन 6 घंटों में उस व्यापारी को न खाना खाने दिया न ही वॉशरूम जाने दिया। इस दौरान पत्नी को भी धमकाया कि पुलिस को सूचना दी तो पूरा परिवार लपेटे में आ जाएगा।

डीजी देशमुख को गया था कॉल

स्टेट साइबर पुलिस के अनुसार अरेरा कॉलोनी में दुबई के एक कारोबारी रहते हैं। स्टेट साइबर पुलिस को किसी ने डिजिटल अरेस्ट के मामले की सूचना दी। स्टेट साइबर के डीजी योगेश देशमुख को सूचना मिली कि अरेरा कॉलोनी में रहने वाले एक व्यक्ति को डिजिटल अरेस्ट किया गया है।मामले की गंभीरता को देखते हुए डीआईजी युसूफ कुरैशी के नेतृत्व में पुलिस टीम का गठन किया गया। पुलिस टीम अरेरा कॉलोनी स्थित कारोबारी के घर पहुंची तो पूरे मामले का खुलासा हो गया। दरअसल, कारोबारी विवेक ओबेराय को सबसे पहले एक कॉल आया, जिसमें कॉल करने वाले ने अपने आप को ट्राई के लीगल सेल का अधिकारी बताया।

उसने कहा कि आपके आधार कार्ड से कई डुप्लीकेट सिम इश्यू है। इसकी जांच मुंबई साइबर पुलिस कर रही है। आपसे साइबर क्राइम मुंबई के सब इंस्पेक्टर विक्रम सिंह बात करेंगे। इसके बाद विक्रम सिंह नाम का व्यक्ति व्यापारी से कनेक्ट हुआ। उसने कारोबारी को धमकाया और स्काई एप डाउनलोड कराकर एक लैपटाप और तीन मोबाइल से वीडियो कॉल से कनेक्ट किया।

कारोबारी को बताया गया कि आप डिजिटल अरेस्ट किए जा चुके हैं। इस दौरान तीसरा व्यक्ति कनेक्ट हुआ और उसने अपने आप को सीबीआई का डीसीपी मनीष कालवेनिया बताया। इस दौरान जालसाजों ने उनसे बैंक डिटेल्स और परिवार की निजी जानकारी ले ली। जालसाजों ने कहा कि हम जो अकाउंट नंबर दे रहे उस पर फंड ट्रांसफर कर दीजिए। जांच चलने तक फंड फ्रीज रहेगा। जैसे ही आपको क्लीन चिट मिलेगी फंड वापस कर दिया जाएगा। इसी दौरान साइबर पुलिस के अधिकारी पहुंच गए और जालसाज तत्काल डिस्कनेक्ट हो गए।

नौकरानी बोली CBI कर रही पूछताछ 

पड़ोसियों ने जब कारोबारी के मोबाइल पर कॉल किया तो उनका तो उनका कॉल रिसीव नहीं हुआ। तभी उन्होने घर की नौकरानी से उनके संबंध में पूछा। उसने बताया कि साहब से सीबीआई वाले पूछताछ कर रहे है। वो 6 घंटे से अंदर हैं। पड़ोसियों को शंका हुई तो उन्होंने स्टेट साइबर पुलिस को मामले की जानकारी दी।

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