नयी दिल्ली, (वार्ता) सरकार ने देश में सार्वजनिक वितरण के लिए खरीदे जाने वाले चावल के फोर्टिफिकेशन (पौष्टिक तत्व से पुष्ट करने) के कार्यक्रम को विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानकों के अनुरूप और पूरी तरह सुरक्षित बताते हुए कहा है कि इसके लिए 30,000 चालू चावल मिलों में से 21,000 से अधिक ने पोषक तत्व मिश्रण उपकरण स्थापित किए हैं।
उपभोक्ता कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के अनुसार इन इन उपकरणों के माध्यम से प्रति माह कुल 2.23 करोड़ टन चावल को पौष्टिक तत्वों से संपुष्ट किया जा सकता है।
मंत्रालय के अनुसार ऐसे चावल के परीक्षण के बुनियादी ढांचे में भी वृद्धि हुई है और अब कई एनएबीएल-मान्यता प्राप्त प्रयोगशालाएं फोर्टिफाइड चावल की गुणवत्ता की जाँच करती हैं।
केद्रीय मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) और अन्य कल्याणकारी योजनाओं आदि सहित सरकार की सभी योजनाओं के तहत फोर्टिफाइड चावल उपलब्ध कराने की पहल को जुलाई 2024 से दिसंबर 2028 तक अपने वर्तमान स्वरूप में जारी रखने की मंजूरी दे दी है। केंद्र देश में सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी से निपटने के लिए एक पूरक रणनीति के रूप में महत्वाकांक्षी पहल जारी रख रहा है।
विज्ञप्ति में कहा गया है कि वैज्ञानिक प्रमाणों के अनुसार फोर्टिफाइड चावल का सेवन सभी के लिए सुरक्षित है, जिसमें थैलेसीमिया और सिकल सेल एनीमिया जैसी हीमोग्लोबिनोपैथी से पीड़ित व्यक्ति भी शामिल हैं।
भारत का चावल फोर्टिफिकेशन कार्यक्रम 2019 में एक पायलट कार्यक्रम के रूप में शुरू किया गया था और इसे तीन चरणबद्ध तरीके से आगे बढ़ाया गया है। सरकार का कहना है कि यह प्रक्रिया विश्व स्तर पर मान्यता प्राप्त प्रक्रिया है जो भारत विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के साथ जुड़े दिशा-निर्देशों का पालन करता है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन की 2018 की सिफारिशों के अनुसार, उन देशों में आयरन के साथ चावल को फोर्टिफाईड करना आवश्यक है जहाँ चावल मुख्य खाद्य पदार्थ है। भारत में, जहाँ 65 प्रतिशत आबादी रोजाना चावल का उपभोग करती है, आयरन-फोर्टिफाइड चावल विशेष रूप से उपयुक्त है।
सरकार प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) के तहत, सालाना 5.20 करोड़ टन फोर्टिफाइड चावल खरीदा जाना है।
विश्वस्तर पर उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार 18 देशों में चावल, 147 देशों में नमक और 105 देशों में गेहूं के आटे को जरूरत पौष्टिक तत्वों से पुष्ट कर के आपूर्ति की जा रही है। इसी तरह 43 देश तेल और 21 देश मक्का के आटे को आबादी के लिए अतिरिक्त तत्वों से संपुष्ट करते हैं। इन देशों में थैलेसीमिया या सिकल सेल एनीमिया वाले व्यक्तियों के लिए सलाह लेबल की आवश्यकता नहीं है।