कलेक्ट्रेट कर्मी को बार-बार हटाकर वापस नौकरी में रखने का मामला
जबलपुर: हाईकोर्ट के जस्टिस संजय द्विवेदी की एकलपीठ ने कलेक्ट्रेट कर्मी की सेवा एक से अधिक बार समाप्त करके नौकरी पर वापस लेने के प्रकरण में महत्वपूर्ण अंतरिम व्यवस्था दी है। इसके अंतर्गत याचिकाकर्ता को स्वतंत्र किया गया है कि यदि याचिका लंबित रहने के दौरान अबकी बार उसकी सेवा समाप्त की जाए तो वह अंतरिम आवेदन दायर कर सकता है। इसी के साथ हाईकोर्ट ने कलेक्टर, बालाघाट सहित अन्य को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने के निर्देश दिये है।
याचिकाकर्ता बालाघाट निवासी तेज लाल उईके की ओर से कहा गया कि वह 2008 से चुनाव ड्यूटी करता चला आ रहा है। बीच में उसकी सेवा समाप्त कर दी जाती है। लेकिन चुनाव के पूर्व उसे वापस सेवा में ले लिया जाता है। 2019 में उसने नियमितिकरण की मांग की थी। हाईकोर्ट ने उसकी याचिका का इस निर्देश के साथ पटाक्षेप किया था कि स्क्रीनिंग कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर अभ्यावेदन का निराकरण किया जाए। साथ ही अपेक्षित लाभ प्रदान किया जाए। याचिकाकर्ता ने इस आदेश के साथ अभ्यावेदन प्रस्तुत किया। लेकिन कलेक्टर ने 27 दिसंबर 2019 को अभ्यावेदन निरस्त कर दिया। इसीलिए नए सिरे से याचिका दायर की गई। इसी बीच याचिकाकर्ता को पुन: सेवा में ले लिया गया। लेकिन सेवा नियमितिकरण की मांग पर कोई विचार नहीं किया गया। सुनवाई पश्चात् न्यायालय ने उक्त निर्देश दिये।