हाईकोर्ट ने माना कलेक्टर का निर्णय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार नहीं
जबलपुर। संपत्ति के भौतिक कब्जे के लिए पंजाब नेशनल बैंक के आवेदन को कलेक्टर रायसेन ने निरस्त कर दिया था। जिसे चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की गयी थी। हाईकोर्ट जस्टिस संजीव सचदेवा तथा जस्टिस विनय सराफ की युगलपीठ ने बताया कि कलेक्टर ने सर्वोच्च न्यायालय द्वारा ब्लू केस्ट होटल्स लिमिटेड मामले में पारित आदेश का परिपालन नहीं करते हुए आवेदन को खारिज किया है। युगलपीठ ने कलेक्टर को तीस दिनों में आवेदन पर कार्यवाही के निर्देश जारी किये हैं।
पंजाब नेशनल बैंक ने बंधक रखी संपत्ति के भौतिक कब्जे के लिए कलेक्टर रायसेन के समक्ष आवेदन किया था। कलेक्टर ने आवेदन को खारिज करते हुए अपने आदेश में कहा था कि बंधक रखी संपत्ति को बैंक ने बेच दिया है। बेची हुई संपत्ति के लिए वह भौतिक कब्जा का दावा नहीं कर करती है। जिसे चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की गयी थी। अतिंद्रा कंटेनर प्राइवेट लिमिटेड की तरफ से तर्क दिया गया कि बंधक संपत्ति का भौतिक कब्जा उधारकर्ता के पास रहता है। इस प्रकार, बिक्री प्रमाण-पत्र से क्रेता को पूर्ण अधिकार हस्तांतरित नहीं किए है। बंधक संपत्तियों को बैंक से वापस लेने के अधिकार उधारकर्ता के पास बरकरार रहता है। अधिनियम की धारा 14 के तहत कलेक्टर के पास कोई न्यायिक शक्ति नहीं है। अनावेदक अतिंद्रा कंटेनर प्राइवेट लिमिटेड की तरफ से तर्क दिया गया कि बैंक को अधिनियम की धारा 17 के तहत ऋण वसूली न्यायाधिकरण से संपर्क करना था। बैंक की तरफ से सीधे हाईकोर्ट में याचिका दायर की गयी है। बैंक ने पहले ही परिसंपत्ति बेच दी है तथा बिक्री प्रमाण-पत्र जारी कर दिया है, इसलिए याचिकाकर्ता सुरक्षित ऋणदाता नहीं रह गया है। उसे अधिनियम की धारा 14 को लागू करके कब्ज़ा प्राप्त करने के लिए कदम उठाने का कोई अधिकार नहीं है।
युगलपीठ ने सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पारित दिशा -निर्देशो का हवाला देते हुए कहा है कि यह आवष्यक नही है कि ऋण वसूली न्यायाधिकरण में आवेदन दायर किया जाये। युगलपीठ ने कलेक्टर के आदेश को खारिज करते हुए 30 दिनों में कारवाई करने के आदेश दिये ।