आईआईआईटी, दिल्ली के 13वें दीक्षांत समारोह 745 विद्यार्थी सम्मानित

नयी दिल्ली, 26 अक्टूबर (वार्ता) इंद्रप्रस्थ सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान-दिल्ली (आईआईआईटी, दिल्ली) के 13वें दीक्षांत समारोह में शनिवार को 745 विद्यार्थियों को डिग्रियां देकर सम्मानित किया गया।

विभिन्न शैक्षणिक कार्यक्रमों के तहत डिग्रियां हासिल करने वाले विद्यार्थियों को दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्केना और भारतीय अंतरिक्ष संस्थान (इसरो) के अध्यक्ष एस. सोमनाथ ने सम्मानित किया। समारोह में कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रॉनिक्स एंड संचार इंजीनियरिंग, कंप्यूटर साइंस एंड एप्लाइड मैथमेटिक्स, कंप्यूटर साइंस एंड डिज़ाइन, कंप्यूटर साइंस एंड सोशल साइंसेस, कंप्यूटर साइंस एंड बायोसाइंसेज, और कंप्यूटर साइंस एंड आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे क्षेत्रों में 516 बी.टेक. स्नातकों को डिग्री प्रदान की गयी। इसके अलावा, 200 एम.टेक. विद्यार्थियों को भी सम्मानित किया गया, जिसमें कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रॉनिक्स एंड संचार इंजीनियरिंग, और कम्प्यूटेशनल बायोलॉजी जैसे क्षेत्रों में ड्यूल-डिग्री धारक भी शामिल हैं।

विभिन्न प्रमुख अनुसंधान क्षेत्रों जैसे कम्प्यूटेशनल बायोलॉजी, कंप्यूटर साइंस और इंजीनियरिंग, ह्यूमन-सेंटर्ड डिज़ाइन, गणित, और सामाजिक विज्ञान एवं मानविकी में 29 पी.एच.डी. प्राप्तकर्ताओं को भी सम्मानित किया गया।

इस मौके पर उपराज्यपाल एवं आईआईआईटी, दिल्ली के कुलाधिपति सक्सेना ने विद्यार्थियों के उज्जवल भविष्य की कामना की और उन्हें उनकी कड़ी मेहनत, समर्पण, और दृढ़ संकल्प के लिए बधाई दी। उन्होंने उनकी उपलब्धियों की सराहना की और उनसे इस मील के पत्थर तक पहुँचने में माता-पिता, मार्गदर्शकों और शिक्षकों की भूमिका याद रहने की अपील की।

इस मौके पर उन्होंने डॉ. भीम राव अंबेडर के एक कथन को उद्धृत किया, जिसमें उन्होंने कहा कि शिक्षा रूपी शेरनी का दूध पीयेगा, वहीं दहाड़ेगा। उन्होंने कहा कि बुराई पर अच्छाई की जीत और अंधकार को उजाले में तब्दील करने का पर्व दीपावली आ रहा है। लोग खुशियां मनाएंगे और दीये जलाकर रौशनी करेंगे, लेकिन सही मायने में उजाला सिर्फ सिर्फ शिक्षा के जरिए किया जा सकता है। उन्होंने विद्यार्थियों को बधाई देते हुए कहा कि उन्हें अपने ज्ञान समुचित उपयोग राष्ट्र निर्माण में करना चाहिए।

श्री सोमनाथ ने इस मौके पर अमेरिकी अरबपति एलन मस्क की कंपनी द्वारा तैयार किये गये रॉकेट्स की तारीफ की और कहा,“ हाल ही में श्री मस्क की कंपनी जिन रॉकेट्स का निर्माण किया है, उसने लोगों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया है। अब भारत में लोग हमसे पूछ रहे हैं कि इसरो ऐसा कब करेगा। अगर आप हमसे पूछेंगे कि क्या भारत अंतरिक्ष के क्षेत्र में श्री मस्क को हरा सकता है, तो मैं कहूंगा कि बेशक हम उन्हें हरा सकते हैं।”

उन्होंने कहा कि हर कोई उन्हें (श्री मस्क) पछाड़ना चाहता है, लेकिन मुझे लगता है कि वह इन सब से ऊपर है। वह एक महान व्यक्ति है, जो महान काम कर रहा है। अंतरिक्ष के क्षेत्र में दिलचस्पी रखने वाला हर इंसान उनसे प्रेरित होता है।

इस मौके पर आईआईआईटी दिल्ली के 13वें दीक्षांत समारोह में डिग्रियां प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों के उज्जवल भविष्य की कामना की और उन्हें बधाई दी।

उन्होंने कहा, “आपके पास जुनून होना चाहिए, पूरी निष्ठा से अपने कार्य के प्रति समर्पित रहें। प्रतिबद्धता: प्रतिकूल परिस्थितियों में भी नेतृत्व की क्षमता होनी चाहिए, 24 घंटे, सप्ताह के सात दिन। उत्कृष्टता: उच्चतम व्यावसायिक मानकों को अपनाएं। दृढ़ संकल्प: असफलता के बावजूद उत्साह बनाए रखें। ध्यान केंद्रित करें: बड़े लक्ष्यों पर नज़र रखें और छोटी-छोटी चीजों से विचलित न हों। सीखने की क्षमता: जीवन भर विद्यार्थी बने रहें और सबसे महत्वपूर्ण, विनम्रता, ईमानदारी और सत्यनिष्ठा बनाए रखें।”

इस अवसर पर आईआईआईटी, दिल्ली के डायरेक्टर, प्रोफेसर रंजन बोस ने एक प्रेरणादायक भाषण दिया और 2023-24 के लिए डायरेक्टर्स रिपोर्ट प्रस्तुत की। उन्होंने डिग्री प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों की यात्रा को याद करते हुए कहा, “यह बैच कोविड लॉकडाउन के दौरान संस्थान में शामिल हुआ था और विद्यार्थियों ने अपनी पढ़ाई ऑनलाइन शुरू की थी। दूर रहकर पढ़ाई करना और अनिश्चितता जैसी चुनौतियों के बावजूद उन्होंने असाधारण लचीलापन, अनुकूलनशीलता और प्रतिबद्धता का प्रदर्शन किया। उनकी उपलब्धियाँ उनके संकल्प और धैर्य का प्रमाण हैं और यह संस्थान के लिए भी गर्व की बात है।”

उन्होंने कहा, “यहाँ पढ़ाई के दौरान आपने जो अनुभव प्राप्त किए हैं, वे आने वाले वक्त में आपके व्यक्तित्व का अभिन्न अंग बन जाएंगे और भविष्य की चुनौतियों का सामना करने में सहायक होंगे। अब आप एक ऐसी दुनिया में कदम रखने जा रहे हैं जहां ना केवल आपके कौशल बल्कि आपकी समझ, साहस और करुणा की अपेक्षा भी की जाती है इसलिए अपनी बौद्धिक क्षमताओं का उपयोग करते हुए उस मार्ग का चयन करें जो आपकी क्षमताओं का पूरा इस्तेमाल करे और आपके मन को एक उत्पादक के रुप में संलग्न करे। आप सबके भीतर एक चिंगारी है जिसका प्रयोग आप अपने आस-पास की दुनिया को एक नया आकार देने में कर सकते हैं।“

बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के अध्यक्ष प्रो. राजेश श्रीवास्तव ने सभी स्नातकों को बधाई देते हुए कहा, “आज का यह समारोह आपकी वर्षों की मेहनत, ज्ञान अर्जन और उत्कृष्टता की खोज का सार है। आपने न केवल शैक्षणिक उपलब्धियां हासिल की हैं बल्कि कुछ नया करने की और चुनौतियों को पार करने की क्षमता भी प्रदर्शित की है। आई.आई.आई.टी.-दिल्ली में प्राप्त कौशल, ज्ञान और मूल्य आपको तेजी से बदलती दुनिया की जटिलताओं का सामना करने में मार्गदर्शन देंगे।” उन्होंने भारत के वैश्विक प्रभाव को रेखांकित करते हुए स्नातकों से जलवायु परिवर्तन और स्थिरता जैसे क्षेत्रों में योगदान देने का आग्रह किया।

समारोह में उत्कृष्ट शैक्षणिक प्रदर्शन के लिए स्वर्ण पदक हासिल करने वाली के. महेश्वरी ने ‘यूनीवार्ता’ को अपनी शैक्षणिक यात्रा के बारे में बताते हुए कहा, “ मैंने वर्ष 2021 में आईआईआईटी, दिल्ली में दाखिला लिया था। उस समय कोविड-19 का प्रकोप था और दाखिला लेने के कुछ दिनों बाद ही मेरे पिता जी गुजर गए थे। मेरे लिए चुनौतीपूर्ण वक्त था, लेकिन मैंने कोशिश की और यह उपलब्धि हासिल की।” उन्होंने अपनी सफला का श्रेय अपने परिजनों और आईआईआईटी, दिल्ली के प्रोफेसरों को देते हुए कहा कहा, “मैं अपना यह सम्मान अपने पिता को समर्पित करती हूं। यह सम्मान पाकर आज मैं बहुत खूश हूं।”

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