० सिंगरौली जिले की रेत खदानों से रीवा-सतना सहित उत्तर प्रदेश जाने वाले सीधी शहर से नियम का उल्लघंन कर रोजाना निकलते हैं रेत के ओवरलोड ट्रक
नवभारत न्यूज
सीधी 26 अक्टूबर। सिंगरौली जिले की रेत खदानों से रीवा-सतना सहित उत्तरप्रदेश जाने वाले रेत के ओवरलोड ट्रक सीधी शहर से रोजाना नियम का उल्लंघन कर निकलते हैं। ऐसे में सवाल खड़े हो रहे हैं कि रेत के ट्रकों पर ओवरलोड का नियम लागू नहीं होता?
दरअसल सीमावर्ती सिंगरौली जिले में भी रेत संविदाकार सहकार ग्लोबल कम्पनी है। कम्पनी के खदानों से रेत परिवहन में लगे ट्रकों को बिना कोई आपत्ति के ओवरलोड रेत मिलता है। कम्पनी की ट्रांजिट पर्ची वाहन के पास होने पर किसी भी टोल प्लाजा में ओवरलोड को लेकर कोई जांच या आपत्ति नहीं होती। कारण टोल प्लाजा भी विंध्य क्षेत्र के जिलों में सहकार ग्लोबल के संचालित हो रहे हैं। इसी वजह से रेत परिवहन में लगे वाहन बेखौफ होकर ओवरलोड परिवहन कर रहे हैं। उनकी जांच पड़ताल संबंधित विभाग के अमले द्वारा करने में भी गुरेज किया जा रहा है। सहकार ग्लोबल को मिली क्लीन चिट के चलते ही रेत के परिवहन में लगे वाहन ओवरलोड होकर दौड़ रहे हैं।
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2018 में ट्रकों की ओवरलोडिंग पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला
एक्ट पास होने के बाद बहुत से ओवरलोडिंग ट्रकों को रंगे हाथ पकड़ा गया। खासकर 20 जुलाई 2018 को भारत के सुप्रीम कोर्ट ने ट्रकों की ओवरलोडिंग पर एक फैसला सुनाया। इसमें कहा गया है कि किसी भी ट्रक पर उसकी पर्मिसिबल लिमिट से 10 प्रतिशत से अधिक का जुर्माना लगाया जाएगा। पहले टन के लिए 20,000 रुपये और प्रत्येक आगामी टन के लिए 2000 रुपये। फैसले में राज्य सरकारों को कमर्शियल वाहनों के वजन की जांच के लिए वेटब्रिज स्थापित करने का भी निर्देश दिया गया। फैसले का उद्देश्य नियमों का पालन करनाए सडक़ों को मेंटेन और ट्रकों में ओवरलोडिंग के कारण होने वाली दुर्घटनाओं को कम करना था।
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रेत संविदाकार सहकार की सह पर होता है ओवरलोड का खेल
जिले से खुलेआम दिन-दहाड़े रेत का ओवर लोड परिवहन करने के खेल में ट्रक संचालक और रेत क्रेता को सिंगरौली जिले रेत संविदाकार सहकार ग्लोबल की सह रहती है। क्योंकि परिवहन विभाग के निर्धारित मापदंडों में रेत का परिवहन करने वाले ट्रक संचालक एवं क्रेता को मनमाफिक मुनाफा नही मिलता है, जिससे रेत की खरीदारी में कमी आ जाती है। जिसके कारण सरकार में दिल्ली तक अपनी मजबूत राजनैतिक पकड़ रखने वाले धनकुबेर बाहूबली संविदाकार सहकार ग्लोबल द्वारा जिले के आला अधिकारियों पर दबाव बनवाकर खुले आम ओवर लोड का खेल खेला जाता है।
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ट्रक परिचालक की जुबानी, ओवरलोड की कहानी
सीधी जिले में लम्बे अर्से से हो रहे रेत के ओवरलोड परिवहन के खेल की नवभारत टीम द्वारा की गई पड़ताल के दौरान सीधी-सिंगरौली मुख्य मार्ग हिरन नदी के पहले सडक़ के किनारे खड़े 16 चक्का हाइवा ट्रक क्रमांक यूपी 70 एलटी 3926 के परिचालक की जुबानी, ओवरलोड की कहानी के अनुसार लोड रेत सिंगरौली जिले भरसड़ी रेत खदान से लाया जा रहा है, यहां से बिना कोई कंटिग ओवरलोड रेत 25 रूपये फिट की दर से मिलता है।
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इनका कहना है
रेत के ओवर लोड वाहनों की मुख्य रुप से निर्धारित मापदंडों के आधार पर जांच और कार्यवाही परिवहन एवं खनिज विभाग द्वारा की जाती है। जिसमें पुलिस बल के सहयोग की जहां भी जरूरत पड़ती है। पुलिस बल उपलब्ध कराया जाता है। नवभारत द्वारा मामला संज्ञान में लाया गया है। इसके लिए टीम गठित कर जांच कराई जाएगी।
डॉ.रवीन्द्र वर्मा, पुलिस अधीक्षक सीधी
परिवहन विभाग द्वारा सीमित अमले के बावजूद भी समय .समय पर ओवर लोड वाहनों की जांच कर कार्यवाही की जाती है। सीधी जिले से परिवहन होने वाले रेत के ओवर लोड वाहनों की शिकायत मिली है। जल्द ही रेत के ओवर लोड वाहनों की जांच हेतु अभियान चलाया जाएगा। जांच के दौरान यदि परिवहन विभाग के मापदंडों से अधिक रेत ओवर लोड मिलेगी तो सख्त कार्यवाही की जायेगी।
अरविंद भदौरिया, आरटीओ, परिवहन विभाग सीधी
रेत के ओवरलोड वाहनों की जांच के दौरान ट्रांजिट पर्ची में अंकित रेत की मात्रा जांची जाती है। यदि पर्ची में अंकित मात्रा से ज्यादा रेत नहीं है तो कोई कार्रवाई विभाग की ओर से नहीं की जाती। यदि वाहन में बाडी से ऊपर भी रेत है और वह ट्रांजिट पर्ची में दर्ज मात्रा तक ही है तो उसे ओवरलोड नहीं माना जाता। वहीं यदि वाहन में क्षमता से ज्यादा रेत लोड है तो उस पर आरटीओ कार्रवाई कर सकता है।
ए.के.राय, खनिज अधिकारी, सिंगरौली/सीधी
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