सियासत
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ शताब्दी वर्ष में आदिवासी अंचल में अपने नेटवर्क को मजबूत करने के लिए लगातार सक्रिय है। इसके लिए कार्य योजना बनाई गई है. मध्य प्रदेश में संघ के महाकौशल, मध्य भारत और मालवा प्रांत आते हैं. तीनों प्रांतों में इन दिनों बैठकों का दौर है. मालवा प्रांत की कार्यकारिणी की एक बैठक हाल ही में नीमच में प्रारंभ हुई. इसमें प्रांत संघ चालक डॉक्टर प्रकाश वीर शास्त्री, प्रांत कार्यवाह विनीत नवाथे, प्रांत प्रचारक राजमोहन सिंह सभी आठ विभागों की तथा जिलों की टीम हिस्सा ले रही हैं। इसके पहले मध्य भारत प्रांत की भी बैठक हो चुकी है।
मध्य भारत प्रांत में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का कार्य विस्तार तेज गति से हो रहा है।
पूरे प्रांत में संघ रचना के 1814 ग्रामीण मंडल हैं। एक वर्ष में 150 नए मंडलों में काम प्रारंभ हुआ है। वर्तमान में 820 मंडलों में शाखा और 260 मंडलों में साप्ताहिक मिलन के माध्यम से संघ का दैनंदिन कार्य चल रहा है। नगरीय क्षेत्रों को बस्ती रचना में विभाजित किया गया है। कुल 760 बस्तियों में से 550 बस्तियों में शाखा या मिलन के माध्यम से कार्य है। शताब्दी वर्ष में अगले 2 वर्षों में सभी मंडल एवं बस्तियां शाखा या साप्ताहिक मिलन युक्त करने का लक्ष्य है.सूत्रों के अनुसार मध्य क्षेत्र की बैठकों जनसंख्या असंतुलन, शताब्दी वर्ष में संघ कार्य विस्तार, देश एवं अपने प्रांत में स्वावलंबी भारत योजना, पर्यावरण कार्य, समरसता, कुटुंब प्रबोधन, संघ के स्वयंसेवकों द्वारा किए जा रहे सेवा कार्यों आदि पर विस्तृत चर्चा हो रही है. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना के 100 वर्ष आगामी वर्ष 2025 में पूरे होने जा रहे है. शताब्दी वर्ष में सभी नगरों एवं खंडों में 2 वर्षीय विस्तारक निकालने की योजना बना गई है. संघ से ज्वाइन आरएसएस (ऑनलाइन) के माध्यम से बड़ी संख्या में लोग जुड़ रहे हैं.
100 वर्ष पूरे होने पर बड़ा आयोजन नहीं
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अगले साल 100 वर्ष पूरे करने जा रहा है. इस मौके पर संघ की तरफ से बड़ा आयोजन या उत्सव नहीं मनाया जाएगा, बल्कि संघ को मजबूत करने के प्रयास किए जाएंगे. बैठक में यह तय हुआ कि संघ ज्यादा से ज्यादा सामाजिक, धार्मिक आयोजनों में सहभागिता बढ़ाए और समाज को जागरूक करने का काम करे. साथ ही संघ के कार्य और विचारधारा से ऐसे लोगों को अवगत कराएं जो संघ को लेकर उचित धारणा नहीं रखते हैं. बैठक में देश की सामाजिक, धार्मिक, आध्यात्मिक शक्तियों को मजबूत करने पर बल दिया गया. आरएसएस इंटरनेट मीडिया पर भी सक्रिय है.