आकस्मिक वित्त पोषण साधनों के प्रति सीतारमण ने किया आगाह

वाशिंगटन 24 अक्टूबर (वार्ता) केंद्रीय वित्त एवं कॉर्पोरेट मामलों की मंत्री ने आज यहां विश्व बैंक और आईएमएफ की वार्षिक बैठक 2024 के अवसर पर वैश्विक संप्रभु ऋण गोलमेज सम्मेलन (जीएसडीआर) में भाग लिया और आकस्मिक वित्तपोषण साधनों के प्रति आगाह किया क्योंकि इनके परिणामस्वरूप आस्थगित दायित्व हो सकते हैं, जिससे भविष्य में ऋण संबंधी चुनौतियाँ और भी बदतर हो सकती हैं।

श्रीमती सीतारमण ने अपने संबोधन में तकनीकी बाधाओं को दूर करके स्पष्ट चर्चा के माध्यम से ऋण पुनर्गठन को आगे बढ़ाने में मदद करने के लिए जीएसडीआर के सह-अध्यक्षों को बधाई दी। प्रगति रिपोर्ट में उल्लिखित अगले कदमों के संदर्भ में उन्होंने जोर दिया कि समयबद्धता, पारदर्शिता और पूर्वानुमेयता में सुधार, तथा लेनदारों के बीच व्यवहार की तुलना सुनिश्चित करने, कम लागत वाले, दीर्घकालिक वित्तपोषण और लक्षित तकनीकी सहायता सुनिश्चित करने के लिए समन्वित प्रयासों को प्राथमिकता देने, ताकि कमजोर देशों में लचीलापन बनाने के लिए राजकोषीय क्षमता को मजबूत किया जा सके।

वित्त मंत्री ने महत्वपूर्ण निवेशों से समझौता किए बिना देशों को ऋण दायित्वों को पूरा करने में मदद करने के लिए गहन संवाद का आह्वान किया। उन्होंने सभी पक्षों के दृष्टिकोण को बेहतर ढंग से समझने, चिंताओं का समाधान करने और इन साधनों के जोखिमों और लाभों के बारे में देशों को सूचित मार्गदर्शन प्रदान करने के लिए जीएसडीआर के अनौपचारिक मंच का लाभ उठाने के लिए प्रोत्साहित किया।

श्रीमती सीतारमण ने जीएसडीआर के आगामी प्रयासों के प्रति भारत की प्रतिबद्धता की फिर से पुष्टि की।

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