गैर-स्थानीय श्रमिकों को घाटी छोड़ने के लिए दबाव डालने की रिपोर्ट चिंंताजनक : मुफ्ती

श्रीनगर, 22 अक्टूबर (वार्ता) जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री एं पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने गांदरबल जिले में हाल ही में हुए आतंकवादी हमले के बाद स्थानीय प्रशासन द्वारा गैर-स्थानीय मजदूरों पर घाटी छोड़ने के लिए दबाव डालने की खबरों पर मंगलवार को चिंता व्यक्त करते हुए इस मुद्दे पर संयम बरतने का आह्वान किया।

सोनमर्ग पर्यटन रिसॉर्ट के पास श्रीनगर-लेह राजमार्ग पर एक श्रमिक शिविर पर रविवार शाम को हुए हमले में एक बुनियादी ढांचा कंपनी के सात कर्मचारियों की मौत हो गई, जिनमें एक स्थानीय कश्मीरी डॉक्टर भी शामिल थे। इसके अलावा, पांच अन्य मजदूर घायल भी हुए।

इस हमले की जिम्मेदारी आतंकवादी संगठन ने ली है, जिसने कहा है कि यह हमला भारतीय सुरक्षा बलों के खिलाफ एक जवाबी कार्रवाई थी। इस हमले की निंदा करते हुए कहा गया है कि यह एक कायराना और अमानवीय कार्रवाई है।इस घटना के बाद, जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी है और हमले के पीछे के मास्टरमाइंड को पकड़ने के लिए जांच शुरू कर दी है।

सुश्री मुफ्ती ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में मंगलवार को कहा कि गैर-स्थानीय कामगारों के जाने से देश में खराब संदेश जाएगा। उन्होंने कहा, “सोनमर्ग में हुए बर्बर हमले के बाद ऐसी खबरें आ रही हैं कि स्थानीय प्रशासन गैर स्थानीय मजदूरों पर तुरंत घाटी छोड़ने का दबाव बना रहा है। मैं हालाँकि, उनकी घबराहट की स्पष्ट भावना को समझती हूँ लेकिन उन्हें इस तरह से चले जाने के लिए कहना कोई समाधान नहीं है। इससे केवल और अधिक कठिनाइयां पैदा होंगी और देश में बहुत बुरा संदेश जाएगा।”

सुश्री मुफ्ती ने कहा कि ऐसी घटनाएं न केवल गैर-स्थानीय मजदूरों को प्रभावित करती हैं, बल्कि जम्मू-कश्मीर के आर्थिक विकास को भी प्रभावित कर सकती हैं। उन्होंने स्थानीय प्रशासन से अपील की है कि वे ऐसी कार्रवाइयों से बचें जो गैर-स्थानीय मजदूरों को घाटी छोड़ने के लिए मजबूर कर सकती हैं।

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, “जम्मू-कश्मीर में हाल ही में शांतिपूर्ण आतंक मुक्त चुनाव हुए हैं और यह त्वरित प्रतिक्रिया अन्यथा ही साबित होगी। दूसरे राज्यों में काम करने और पढ़ने वाले कश्मीरियों के खिलाफ भी नाराजगी हो सकती है।” उन्होंने मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से हस्तक्षेप करने और कम से कम उन्हें पर्याप्त समय देने का अनुरोध किया।

इस बीच मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने बडगाम में मारे सात लोगों में एक डॉ. शाहनवाज अहमद डार के परिवार से मुलाकात करने उनके घर गये।

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