- एनसीसीएफ द्वारा खरीदे गये 1,600 मीट्रिक टन प्याज़ को ट्रेन से दिल्ली लाने का फैसला
- उपभोक्ता मामले विभाग की सचिव निधि खरे ने दी जानकारी
नई दिल्ली- प्याज़ की बढ़ी किमत को नियंत्रित करने के लिए सरकार ने भारतीय राष्ट्रीय उपभोक्ता सहकारिता संघ (एनसीसीएफ) द्वारा खरीदे गये 1,600 मीट्रिक टन प्याज़ को ट्रेन से दिल्ली लाने का फैसला किया गया है.
उपभोक्ता मामले विभाग की सचिव निधि खरे ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि, त्योहार के सीजन में कम दाम पर प्याज़ मिल सके इसके लिए मूल्य स्थिरीकरण कोष के तहत एनसीसीएफ द्वारा खरीदे गए 1,600 मीट्रिक टन प्याज को पहली बार रेल परिवहन के माध्यम से मंगाया गया है. प्याज़ की यह खेप 20 अक्टूबर तक दिल्ली पहुंच जाएगी उसके बाद इसे आम लोगों को कम दाम पर उपलब्ध कराया जाएगा.
उन्होंने कहा कि अगले कुछ दिनों में लखनऊ और वाराणसी के लिए रेलवे के माध्यम से प्याज़ की आपूर्ति की जाएगी. इसके अलावा रेलवे से उत्तर-पूर्वी क्षेत्र के जलपाईगुड़ी, डिब्रूगढ़, तिनसुकिया और चांगसारी तक प्याज को पहुँचाने के लिए अनुमति मांगी गई है जिससे देश के इस हिस्से में प्याज़ की व्यापक उपलब्धता हो और लोगों कम दाम पर प्याज़ मिल सके.
निधि खरे ने बताया कि सरकार ने इस वर्ष 4.7 लाख टन रबी प्याज की खरीद की थी. जिसे 5 सितंबर से खुदरा में 35 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से देश भर में बेचा जा रहा है. इसके साथ ही इसे देश की प्रमुख मंडियो में थोक में भेजा गया है.
अब तक लगभग 92,000 मीट्रिक टन प्याज नासिक और अन्य जगहों से ट्रकों के माध्यम से उपभोग केंद्रों तक भेजा जा चुका है. खुदरा उपभोक्ताओं को 35 रुपये प्रति किलोग्राम पर प्याज के वितरण के लिए सफल, केंद्रीय भंडार और रिलायंस रिटेल के साथ भी साझेदारी की है. इसके अलावा खुदरा वितरण के लिए 9 राज्य सरकारों/सहकारी समितियों को 86,500 मीट्रिक टन प्याज आवंटित किया गया है.
टमाटर के बढ़े दाम को लेकर निधि खरे ने कहा कि, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और महाराष्ट्र जैसे प्रमुख टमाटर उत्पादक क्षेत्रों में अधिक बारिश और उच्च नमी के कारण फसल को नुकशान हुआ है. आने वाले दिनों में महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश से आवक बढ़ने से आपूर्ति की स्थिति में सुधार होने की उम्मीद है जिससे टमाटर की कीमतों में कमी आएगी.