‘बिना दूल्हे की बारात’ लेकर घूम रही कांग्रेस! विजयपुर उपचुनाव को लेकर भाजपा का तंज

ग्वालियर:विजयपुर विधानसभा सीट पर 13 नवंबर को उपचुनाव होना है। कांग्रेस और बीजेपी विजयपुर सीट जीतने के लिए सियासी जोर आजमाइश में लगी है, लेकिन चुनावी बयार के बीच “बिना दूल्हे की बारात” का सियासी तंज सामने आ रहा है।आखिर उपचुनाव के माहौल के बीच बिना दूल्हे की बारात जैसे शब्दों का जिक्र क्यों किया जा रहा है। विजयपुर सीट पर कांग्रेस की तरफ से अभी तक अपने प्रत्याशी का ऐलान नहीं किया गया है, जबकि प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी के नेतृत्व में विजयपुर सीट पर लगातार चुनावी दौरे और सभाएं की जा रही है, जिसको लेकर बीजेपी के वरिष्ठ नेता रामेश्वर भदौरिया ने तंज कसते हुए कहा है कि कांग्रेस को विजयपुर विधानसभा सीट उपचुनाव के लिए प्रत्याशी नहीं मिल रहे हैं।

ऐसे में कांग्रेस की हालत “बिना दूल्हे की बारात” की तरह हो गई है। बारातियों की तरह बहुत सारे नेता नाच नाच कर चुनावी सभा और दौरे कर रहे हैं लेकिन दूल्हा यानी प्रत्याशी कौन है? क्षेत्रीय मतदाता के साथ ही कांग्रेस को भी इसका पता नहीं है।वहीं बीजेपी के तंज पर कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता राम पांडे ने कहा कि विजयपुर विधानसभा सीट कांग्रेस पार्टी का शुरू से ही मजबूत किला रही है। यहां आंकड़े भी बताते हैं कि सबसे ज्यादा बार जीत कांग्रेस के खाते में ही आई है। ऐसे में विजयपुर के मतदाता उपचुनाव में भी कांग्रेस के साथ खड़े होंगे और बीजेपी को करारी हार का सामना करना पड़ेगा। बीजेपी उस वक्त सिर्फ दूल्हा-दूल्हा खेल खेलती और बोलती रह जाएगी।
विजयपुर सीट पर 1962 से लेकर 2023 तक 07 बार कांग्रेस जीती
विजयपुर सीट पर 1962 से लेकर 2023 तक 05 बार भाजपा और 02 बार निर्दलीय प्रत्याशी को जीत हासिल हुई।

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