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रतलाम। नगरीय प्रशासन विकास एवं आवास विभाग ने मंगलवार को राजीव गांधी सिविक सेंटर की फर्जी रजिस्ट्रीयों के मामले में नगर निगम आयुक्त अखिलेश गहरवार को निलंबित कर दिया है। संयुक्त कलेक्टर अनिल भाना को निगम आयुक्त का प्रभार सौपा है। बीते दिनों नगर निगम में आयोजित सम्मलेन के दौरान फर्जी रजिस्ट्रीयो का मामला उछला था। सभावित है कि उसी के बाद आज नगरीय विकास एवं आवास विभाग मंत्रालय आयुक्त अखिलेश गहरवार निलंबित किया गया। वही रतलाम कलेक्टर द्वारा अनिल भाना को निगम आयुक्त का प्रभार सौपा गया। उल्लेखनीय है कि रतलाम नगर निगम आयुक्त एपीएस गहरवार अपनी कार्यशैली के चलते मार्च 2023 में ज्वाइनिंग के बाद से सुर्खियों में छाए हुए थे। खास बात यह है कि निलंबित आयुक्त गहरवार मई माह में सेवानिवृत्त होने वाले हैं। उसके पहले उनके खिलाफ राज्य शासन ने अनियमित्ता बरतने के मामले में बड़ा एक्शन लिया। निलंबन आदेश के दो घंटे पहले ही रतलाम आए नगरीय प्रशासन विकास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय का आयुक्त ने स्वागत भी किया था।
सिविक सेंटर की हुई थी 22 रजिस्ट्री: सिविक सेंटर में 22 प्लॉट की रजिस्ट्री एमआईसी अथवा परिषद से अनुमति प्राप्त किए बिना करवा दी गई । इसमें भारी अनियमितताओं के चलते रतलाम नगर पालिक निगम आयुक्त अखिलेश गहरवाल को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है। इस सम्बंध में मध्य प्रदेश शासन नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने के उप सचिव हर्षल पंचोली द्वारा हस्ताक्षरित आदेश जारी किया है। निलंबित निगम आयुक्त गहरवार मई माह में सेवानिवृत्त होने वाले हैं। सेवानिवृत्त के पहले उनके खिलाफ राज्य शासन ने अनियमित्ता मामले में बड़ा एक्शन लिया।
कूट रचित तरीके से हुई रजिस्ट्री
संचालनालय के जांच प्रतिवेदन के अनुसार रतलाम में सिविल सेंटर के 22 प्लॉट की रजिस्ट्री विभिन्न व्यक्तियों के नाम करवा दी गई थी। इस संबंध में एमआईसी या परिषद से सक्षम अनुमति भी नहीं ली गई। रजिस्ट्री की कार्यवाही अधिकारियों एवं खरीददारों के मध्य कूटरचित तरीके से रजिस्ट्री होना दिखती है।
जांच प्रतिवेदन में कई गंभीर अनियमितता
जांच प्रतिवेदन में कई गंभीर अनियमितताएं भी प्रदर्शित होती है। उप सचिव हर्षल पंचोली मध्य प्रदेश शासन नगरीय विकास एवं आवास विभाग द्वारा सोमवार 11 मार्च को आदेश जारी करते हुए तुरंत प्रभाव से नगर पालिक निगम आयुक्त अखिलेश गहरवार को निलंबित किया गया है। निलंबन अवधि में गहरवाल का मुख्यालय कार्यालय संयुक्त संचालक नगरीय प्रशासन एवं विकास उज्जैन संभाग उज्जैन रहेगा। निलंबन की अवधि के दौरान नियमन अनुसार जीवन निर्वाह भत्ते की पात्रता भी रहेगी।