अधिवक्ता की हडताल संबंधित संज्ञान याचिका पर सर्वोच्च न्यायालय ने लगा दी रोक

हाईकोर्ट में सुनवाई बढी

जबलपुर: प्रदेशव्यापी अधिवक्ताओं की हड़ताल को मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने संज्ञान लेते हुए मामले की सुनवाई जनहित याचिका के रूप में करने के निर्देश दिये थे। याचिका पर मंगलवार को हुई सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत तथा जस्टिस विनय सराफ को बताया गया कि सर्वोच्च न्यायालय ने उक्त याचिका की सुनवाई कर रोक लगा दी। युगलपीठ ने सर्वोच्च न्यायालय ने याचिका लंबित होने के कारण अगली सुनवाई 12 नवम्बर को निर्धारित की है।

गौरतलब है कि मार्च 2023 में अधिवक्ता अनिष्चितकालीन प्रदेशव्यापी हड़ताल पर चले गये थे। हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई संज्ञान याचिका के रूप में करते हुए अधिवक्ताओं को तत्काल काम पर वापस लौटने के आदेश दिये है। हाईकोर्ट ने सर्वोच्च न्यायालय तथा हाईकोर्ट द्वारा पूर्व में पारित आदेश को हवाला देते हुए कहा है कि अधिवक्ता काम पर नहीं लौटते है तो इसे न्यायालय की अवमानना माना जायेगा।

देश का पालन नहीं करने वालों अधिवक्ताओं के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही की जायेगी और उनको निष्कासित किया जायेगा। हाईकोर्ट ने रजिस्ट्री को निर्देश दिए कि आदेश की प्रति के साथ स्टेट बार काउंसिल के चेयरमैन, हाईकोर्ट बार एसोसिएशन जबलपुर, इंदौर व ग्वालियर के अध्यक्ष, हाईकोर्ट एडवोकेट्स बार एसोसिएशन जबलपुर के अध्यक्ष के अलावा प्रदेश भर के जिला तथा तहसील बार एसोसिएशन के अध्यक्षों को नोटिस जारी करें।याचिका पर सुनवाई के दौरान युगलपीठ को बताया गया कि उक्त याचिका को चुनौती देते हुए सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर की गयी थी। सर्वोच्च न्यायालय ने हाईकोर्ट में लंबित याचिका की सुनवाई पर रोक लगा दी है। युगलपीठ ने सुनवाई के बाद उक्त आदेश जारी किये।

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