मंडी परिसर में स्थित बैंकों में भी आने वाले ग्राहकों को हो रही है परेशानी
इंदौर: छावनी अनाज मंडी के दो गेट बंद करने से किसान, व्यापारी, हम्माल सभी परेशान हो रहे हैं. वर्षों से चालू गेटों को मंडी सचिव की मनमानी के कारण बंद किया गया है. मंडी परिसर में स्थित बैंकों में भी आने वाले ग्राहकों को परेशानी हो रही है.छावनी अनाज मंडी में पूर्व में तीन गेट थे इससे किसानों को मंडी में माल लेकर आने में और वापस जाने में आसानी होती थी, साथ ही व्यापारी हम्माल और ट्रांसपोर्टरों को भी आसानी रहती थी, लेकिन पिछले कुछ वर्षों से लोहा मंडी की ओर का एक गेट बंद कर दिया गया था तथा उस पर कुछ व्यापारियों ने अतिक्रमण कर अपना गोदाम बना लिया. जबकि छावनी की ओर खुलने वाला गेट पिछले कुछ दिनों से बंद कर दिया गया है. इस गेट से व्यापारी और किसान अपना माल बेचकर खरीद कर बाहर जाते थे.
उनके पास जोखिम भी रहती थी और मंडी परिसर में स्थित औद्योगिक व्यापारिक बैंक तथा स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया की शाखा में भी आवाजाही करने में आसानी होती थी, लेकिन पिछले कुछ दिनों से मंडी सचिव के तानाशाही पूर्ण आदेश के चलते यह गेट भी बंद कर दिया गया है। इसको लेकर किसान संगठनों ने पूर्व में भी आपत्ति ली थी तथा मांग की थी कि गेट खोले जाए. संयुक्त किसान मोर्चा रामस्वरूप मंत्री, बबलू जाधव, शैलेंद्र पटेल, चंदन सिंह बड़वाया सतीश मकवाना आदि ने मांग की है कि छावनी की ओर खुलने वाला मंडी का गेट पूर्व की तरह रोज खोला जाए. केवल रात में बंद किया जाए. साथ ही लोहा मंडी की ओर खुलने वाला गेट नंबर-2 को भी अतिक्रमण मुक्त कर खोला जाए.
चोरी बढ़ने की घटनाएं के तर्क से असहमत
किसान संगठनों ने मंडी सचिव के इस तर्क से भी असहमति जताई है कि मंडी के गेट ज्यादा खुलने से चोरी की घटनाएं बढ़ती है. गौरतलब है कि चोरी की घटनाएं रोकने के लिए मंडी समिति ने 60 से ज्यादा गार्ड्स की नियुक्ति कर रखी है और इनका लाखों रुपए महीना भुगतान होता है. उसके बावजूद भी अगर मंडियों में चोरी होती है तो यह मिली भगत के अलावा संभव नहीं है.
शीघ्र नहीं खोला तो अन्य कार्रवाई
मंडी गेट खोलने के लिए किसान संगठनों ने मंडी सचिव को लिखित में पत्र लिखा है तथा मांग की है कि शीघ्रता शीघ्र मंडी का गेट खोला जाए अन्यथा किसानों को अन्य कार्रवाई करने के को बाध्य होना पड़ेगा.