इंदौर: शासन पूरी कोशिश करता है कि आमजन को किसी प्रकार की असुविधा से गुज़रना न पड़े लेकिन अब शायद विकास की राह पर शासन प्रशासन यह भूल गया है कि उस के एक कदम से शहर वासियों को परेशानियों का समना करना पड़ सकता है.नायता मुंडला में नए बस स्टैंड का कार्य पूर्ण हो चुका है और जल्द यहां से बसों का संचालन शुरू भी हो जाएगा. उधर नौलखा स्थित अस्थाई बस स्टैंड आज भी अधर में है. पिछले कई वर्षों से यहां सुनने में आ रहा है कि इस अस्थाई बस स्टैंड को हटा दिया जाऐगा और नायता मुंडला से बसों का आवागमन किया जाएगा लेकिन आज तक इसे बंद नही किया गया. इस असमंजस के चलते यहां विकास कार्य नहीं हो रहे हैं.
अधिकारियों ने भी इस पर ध्यान देना बंद कर दिया है. अब नौलखा बस स्टैंड सिर्फ मजबूरी में संचालित हो रहा है. पक्की सड़क के नाम पर बरसात में कीचड़, दूसरे मौसम में दिन भर धूल उड़ती है जिससे हर कोई परेशान है. स्वच्छ शहर की छवि धुमिल करने वालों की लापरवाही के चलते पूरे वर्ष यहां इतनी गंदगी फैली रहती है कि कोई पैदल निकल नहीं सकता. यात्रियों की बैठने की सुविधा, पीने का पानी, सड़क जैसी कई सुविधा सिर्फ इसलिए रोक दी गई कि यहां भविष्य में कभी भी बंद किया जा सकता है. आज शहर में आने वाले यात्री परेशान होते है जिनमें महिलाए और बच्चे भी होते हैं. इससे न तो शासन को फर्क पड़ रहा है न ही प्रशासन को. जिन लोगों ने यहां के लिए आंदोलन किया था वहां भी अपनी मांग मनवा कर लौट गए. फिलहाल तो नए बस स्टैंड से ग्रामीणों को किराए के नाम पर बड़ी जेब कटने वाली है.
इनका कहना है
जब तक यहां बस स्टैंड संचालित हो रहा है तब तक यात्रियों के लिए सुविधा होनी चाहिए. आम दिनों में ही इतनी गंदगी फैली रहती है तो बरसात में यहां मुसीबत बढ़ जाती है इस पर प्रशासन ध्यान दे.
– रईस खान
खुडै¸ल से तीस रूपए में आने के बाद उसे नायता मुड़ला से रिक्शा के सौ रूपए देना होंगे. यानी के बस से ज़्यादा उसे लोकल यात्रा लूट लेगी, यात्री की सुविधा तो बस शहर के अंदर आने पर थी.
– किशोर यादव
यातायात तो भारी वाहनों से ही होता है तो दिन भर सैकड़ों ट्रकों का शरह में आना बंद नहीं किया जा रहा और बसे बंद कर रहे हैं. इसके खामियाजा आने-जाने वाले यात्रियों को भुगताना पड़ेंगे.
– अजय चितावले