प्रसिद्ध ध्रुपद गायक पं. उदय भावलकर द्वारा मैनिट में ध्रुपद की प्रस्तुति
भोपाल:प्रसिद्ध ध्रुपद गायक पं. उदय भावलकर द्वारा मौलाना आज़ाद राष्ट्रीय प्रौद्येगिकी संस्थान मे ध्रुपद की प्रस्तुति दी गई। डिवाइन शैली में शास्त्रीय गायन ने श्रोताओं को मंत्र मुग्ध कर दिया। स्पिकमैके द्वारा विभिन्न शिक्षा संस्थानों में पं. उदय भावलकर के ध्रुपद गायन का आयोजन किया जा रहा है।
ध्रुपद, उत्तर भारतीय शास्त्रीय संगीत की सबसे पुरानी शैली है। इसी श्रंखला के अंतर्गत देश-विदेश मे अपनी प्रस्तुति देने वाले एवं संगीत नाटक अकादमी पुरुस्कार से सम्मानित पं. उदय भावलकर ने सर्वप्रथम ध्रुपद शैली के बारे मे छात्रों को कई महत्वपूर्ण जानकारियों से अवगत कराया। अपनी प्रस्तुति का आरंभ उन्होने राग मुल्तानी मे किया एवं तत्पशात राग छायानट मे सूलताल मे देवी स्तुति प्रस्तुत की।
पं.भावलकर ने पद की आलापकारी एवं पखावज की थाप के साथ अपनी रचनाओं के माध्यम से अलौकिक वातावरण निर्माण कर श्रोताओं को बांधे रखा। राग भैैरवी मे तानसेन की रचना से उन्होने कार्यक्रम का समापन किया। उनके साथ श्री प्रताप अवाड ने पखावज के खुले बोलों और थापों से मंत्रमुग्ध कर दिया। तानपुरे और स्वरों से श्री राहुल शाक्य ने आपका साथ दिया।
अजय कुलकर्णी
कला समीक्षक