सागर/भोपाल, 11 अक्टूबर (वार्ता) मध्यप्रदेश में सत्तारूढ़ दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सागर जिले के देवरी से विधायक बृजबिहारी पटेरिया गुरुवार की रात में अचानक त्यागपत्र देने के कुछ ही घंटों बाद संगठन की फटकार के बाद त्यागपत्र की बात से पीछे हट गए और धरना भी समाप्त कर दिया।
पार्टी सूत्रों के अनुसार श्री पटेरिया रात्रि में केसली थाने में अपने समर्थकों के साथ धरने पर बैठ गए थे और अपना त्यागपत्र विधानसभा अध्यक्ष को भेजने की बात मीडिया के समक्ष कही थी। इसके बाद देर रात प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा और संगठन सक्रिय हुए और फटकार के बाद श्री पटेरिया धरना समाप्त करने के साथ ही एक वीडियो जारी कर त्यागपत्र की बात से पलट गए।
श्री पटेरिया ने कुछ ही घंटों के भीतर वीडियो संदेश में कहा, “स्वाभाविक वो आक्रोश का विषय था। दुर्भाग्यपूर्ण क्षण था, जब मैंने आक्रोश के वशीभूत होकर वो कदम उठा लिया था। पार्टी मेरे साथ में है। माननीय मुख्यमंत्री हमारे साथ में हैं। पूरा संगठन, मंडल अध्यक्ष, वो सभी कार्यकर्ता मेरे साथ में हैं, जिन्होंने मुझे इस पद तक पहुंचाया है। अब उन सबके निर्देशों और आदेशों का पालन मैं करूंगा। माननीय अध्यक्ष जी और मुख्यमंत्री जी के आदेश का पालन करूंगा। अब इस्तीफे की कोई बात ही नहीं है।”
इसके पहले गुरुवार देर रात अचानक खबर आयी कि श्री पटेरिया ने विधायक पद से त्यागपत्र दे दिया है और वे सागर जिले के केसली थाना परिसर में अपने समर्थकों के साथ धरने पर बैठ गए हैं। श्री पटेरिया केसली थाने पहुंचे थे और वहां एक पीड़ित की कथित तौर पर प्राथमिकी दर्ज नहीं होने के कारण उन्होंने वहीं से त्यागपत्र लिखकर विधानसभा अध्यक्ष और सचिवालय को भेज दिया था। तब उन्होंने कहा था कि जब सत्तारूढ़ दल के विधायक की बात ही नहीं सुनी जाए, तो वे ऐसी “विधायिकी” नहीं करना चाहते।
श्री पटेरिया के त्यागपत्र की खबर के बाद प्रदेश भाजपा संगठन और सरकारी तंत्र भी सक्रिय हुआ। देर रात प्रदेश अध्यक्ष और संगठन ने फोन पर श्री पटेरिया को सख्ती से समझाया, तब उन्होंने तत्काल इस्तीफे की बात से पलटकर बयान जारी किया। बताया गया है कि श्री पटेरिया को फोन पर जमकर फटकार लगायी गयी।
श्री पटेरिया पहले कांग्रेस में थे और उसके टिकट पर भी दो दशक से अधिक समय पहले देवरी विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। नवंबर दिसंबर 2023 का चुनाव उन्होंने देवरी से भाजपा के टिकट पर लड़ा और विजयी हुए। दो सौ तीस सदस्यीय विधानसभा में भाजपा के कुल सदस्यों की संख्या 163 है, जबकि कांग्रेस के 64 विधायक हैं। एक विधायक भारत आदिवासी पार्टी से है और दो सीट बुधनी तथा विजयपुर रिक्त हैं।