भारत-यूएई का फूड कॉरिडोर परियोजना पर ‘मिशन मोड’ में अमल, दोनाें पक्ष कार्य समूह बनाने पर सहमत

मुंबई, 07 अक्टूबर (वार्ता) संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने भारत में ‘फूड पार्क’ परियोजनाओं में निवेश के प्रस्ताव पर “मिशन मोड में ” अमल के लिए सोमवार को एक कदम बढ़ाते हुए भारत के साथ एक “कार्य समूह’’ बनाने पर सहमति जतायी जो भारत और यूएई के बीच “ फूड कॉरिडोर (खाद्य-व्यापार-मार्ग) स्थापित करने के प्रयासों को गति देने में सहायता करेगा।
यूएई विशेष रूप से अपनी खाद्य आवश्यकता की दृष्टि से महत्वपूर्ण खाद्य-पार्क परियोजनाओं और फूड कॉरिडोर पर प्रारंभ में दो अरब डाॅलर का निवेश करना चाहता है। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने आज यहां यूएई के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री शेख हामिद बिन ज़ायद अल नाहियान के साथ प्रतिनिधि स्तर की द्विपक्षीय बैठक के बाद यह जानकारी दी। श्री नाहियान दुबई इन्वेस्टमेंट अथाेरिटी के प्रबंध निदेशक भी हैं।
यूएई भारत में बनियादी ढांचा, हरित ऊर्जा और अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों में 75 अरब डॉलर के निवेश का प्रस्ताव कर चुका है। श्री गोयल के अनुसार द्विपक्षीय निवेश समझौते के बाद यह 100 अरब के स्तर तक पहुंच सकता है।
दोनों मंत्रियों ने यहां भारत-यूएई द्विपक्षीय निवेश संधि संबंधी कार्यबल की बैठक में अपने अपने दल की अध्यक्षता की और द्विपक्षीय निवेश और व्यापार बढ़ाने से जुड़े विषयों पर चर्चा की। श्री गोयल ने कार्यबल की बैठक के बाद संवाददाता सम्मेलन में बताया कि दोनों पक्ष निवेशकों की सुविधा के लिए एक दूसरे के यहां अपने निवेश कार्यालय स्थापित करने पर सहमत हुए हैं ।
बैठक में सहमति बनी है कि भारतीय विदेश व्यापार संस्थान (आईआईएफटी) यूएई में जल्दी ही अपना पाठ्यक्रम शुरू करेगा तथा इसके साथ ही यह प्रतिष्ठित संस्थान अपना पहला विदेशी परिसर यूएई में स्थापित करेगा। दोनों पक्ष डिजिटल भुगतान के क्षेत्र हाल में सहयोग के लिए हाल में स्थापित व्यवस्था के विस्तार पर भी सहमत हुए हैं।
श्री गोयल ने बैठक के बाद संवाददताओं से बातचीत में कहा, “भारत में फूड पार्क परियोजनाओं में निवेश की पृष्ठ-भूमि तय कर ली गयी है। इससे जहां भारत में किसानों और निर्यातकों को फायदा होगा वहीं भारत में लाखों नहीं तो हजारों युवाओं को रोजगार के अवसर पैदा होंगे तथा यूएई को अपनी खाद्य सुरक्षा मजबूत करने में मदद मिलेगी।”
उन्होंने कहा, “आज की बातचीत में “हमारे बीच केंद्र सरकार, राज्यों और यूएई के बीच एक छोटे कार्य समूह की स्थापना पर सहमति हुई है ताकि भारत-यूएई फूड कॉरिडोर स्थापित करने के काम को मिशन मोड में बढ़ाया जा सके।” उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि यूएसई खाद्य पार्क के लिए दो अरब डालर से शुरूआत करना चाहता है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के निवेश से यूएई की खाद्य सुरक्षा को भी मजबूती मिलेगी।
उल्लेखनीय है कि भारत ने यूएई के साथ व्यापक आर्थिक भागदारी समझौता (सेपा) और द्विपक्षीय निवेश समझौता (बीआईटी) किया है। सेपा दुनिया में सबसे कम समय में किया गया मुक्त व्यापार का समझौता है जो लागू हो चुका है तथा बीआईटी अभी अगस्त महीने में प्रभाव में आया है।
श्री गोयल ने बताया कि भारत सिंगापुर के बाद अब यूएई में ‘इंडिया इन्वेस्ट’ का कार्यालय खोलेगा जो पिछले महीने सिंगापुर में स्थापित इस प्रकार के पहले कार्यालय के बाद विदेश में दूसरा कार्यालय होगा। इंडिया इन्वेस्ट का उद्देश्य विदेशी निवेशकों को सूचना और सुविधा प्रदान करना है। इसमें विदेश व्यापार महानिदेशालय , निर्यात क्रेडिट गारंटी कार्पोरेशन जैसी एजेंसियां सहयोग करती है। उन्होंने कहा, “यूएई ने इन्वेस्ट इंडिया के कार्यालय के लिए किसी एक जगह मुफ्त में कार्यालय सुविधा प्रदान करने की पेशकश की है।”
इसी तरह यूएई भी दिल्ली में अपना निवेश कार्यालय स्थापित करेगा जो “भारत के निवेशकों के लिए सिंगल विडोे सुविधा होगा और यह अवसरों की एक खिड़की साबित होगा। इसके लिए नयी दिल्ली में इंडिया इन्वेस्ट के परिसर में कार्यालय सुविधा उपलब्घ करायी जाएगी।”
श्री गोयल ने बताया कि दुबई एक्सपो में भारत मंडल में 2026 तक लघु और देश की मझोली इकाइयों के लिए भारत मार्ट की शो-रूम और भंडारण सुविधाओं की स्थपना की जाएगी। उन्होंने कहा कि 2026 तक यह सुविधाएं स्थापित करने का लक्ष्य है और इनसे भारत की विनिर्माण और निर्यात इकाइयों को पश्चिम एशिया, अफ्रीका , यूरोप तथा दुनिया के अन्य बाजारों में अपने कारोबार के विस्तार में मदद मिलेगी।
भारत के लिए चीन और अमेरिका के बाद यूएई तीसरा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है और भारत में सातवां सबसे बड़ा निवेशक है। यूएई भारत में 75 अरब डॉलर के निवेश की घोषणा पहले ही कर चुका है। श्री गोयल ने कहा कि निवेश समझौते के बाद इसके 100 अरब डॉलर तक पहुंच जाने की संभावना है।
आज की बैठक में दोनों पक्षों ने बुनियादी ढांचा, ऊर्जा, खाद्य , प्रौद्योगिकी और आर्टिफिसियल इंटेलिजेंस (एआई) जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में निवेश संबंधों के विस्तार पर चर्चा की।

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