बेकाबू भीड़ पर पुलिस ने किया लाठीचार्ज
प्रदर्शनकारियों पर छोड़े आंसू गैस के गोले
भोपाल, 4 अक्टूबर. नवदुर्गा उत्सव और दशहरे के दौरान शांति, सुरक्षा और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए शुक्रवार को पुलिस लाइन नेहरू नगर स्थित परेड ग्राउंड पर बलवा मॉल ड्रिल का आयोजन किया गया. इस दौरान प्रदर्शन करने वाली बेकाबू भीड़ पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े. इस ड्रिल में भोपाल पुलिस कमिश्नरेट के करीब तीन सौ पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों ने भाग लिया. बलवा ड्रिल परेड से पहले पुलिस उपायुक्त श्रद्धा तिवारी ने समस्त जवानों को संबोधित करते हुए बलवा ड्रिल परेड का महत्व बताया. उन्होंने कानून व्यवस्था के दौरान विपरीत परिस्थितियों में क्या सावधानियां बरती जानी चाहिए और पुलिस जवानों की क्या जिम्मेदारी होती है, इसको लेकर विस्तार से जानकारी दी. बलवा मॉल ड्रिल में पुलिस जवानों की अलग-अलग टीमें बनाई गई थी. इसमें टियर गैस पार्टी, अश्रु गैस पार्टी, लाठी पार्टी, राइफल पार्टी, मेडिकल पार्टी, वाटर केनन पार्टी तैयार की गई. सभी पार्टियों को उनके कार्य समझाए गए. इस प्रकार की गई मॉक ड्रिल एक्सीडेंट हादसे में हुई एक युवक की हुई मौत के मामले में उचित मुआवजे की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे परिजनों को पुलिस ने समझाने का प्रयास किया तो वह उग्र होकर पुलिस पर पथराव करने लगे. जान-माल का नुकसान एवं जनहानि की आशंका को देखते हुए पुलिस ने पहले भीड़ को चेतावनी दी. इसके बाद भी भीड़ नहीं मानी तो टियर गैस पार्टी ने आवाज वाले गोले दागे. उसके बाद आंसू गैस के गोले छोड़े गए. प्रदर्शनकारी सार्वजनिक सम्पत्ति को नुकसान पहुंचाने लगे तो पुलिस ने अलाउंसमेंट कर उन्हें चेतावनी दी. प्रदर्शनकारियों को उग्र होता देख पुलिस टीम ने लाठी चार्ज कर दिया. उसके बाद अनियंत्रित भीड़ को रोकने एवं सार्वजनिक सम्पत्ति को नुकसान से बचाने के लिए मजिस्ट्रेट के आदेश पर फायर किए गए. इस दौरान कुछ प्रदर्शनकारी और कुछ पुलिसकर्मी घायल हुए. घायलों को उपचार हेतु डॉक्टर की टीम द्वारा एम्बुलेंस से अस्पताल पहुंचाया गया. बलवा ड्रिल रिहर्सल परेड का उद्देश्य बलवा मॉक ड्रिल में दोनों ही भूमिकाओं में पुलिस अधिकारी और कर्मचारी थे. कानून-व्यवस्था को दृष्टिगत रखते हुए विपरित परिस्थितियों में भीड़ पर नियंत्रण पाने के लिए अमले को प्रशिक्षण देने और अपनी क्षमताओं की परख करने के लिए समय-समय पर इस तरह की मॉक ड्रिल आयोजित की जाती है. ताकि कानून व्यवस्था ड्यूटी, धरना-प्रदर्शन इत्यादि के दौरान पुलिसकर्मी अपने आप को सुरक्षित रखते हुए अपने कर्तव्यों का बखूबी निर्वहन कर भीड़ नियंत्रण एवं कानून व्यवस्था बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकें.