महापौर अमृता अमर यादव की अध्यक्षता में 3 घंटे चली बैठक,पानी आपूर्ति में सुधार के निर्देश
नवभारत न्यूज
खंडवा। नगर निगम सभागार में महापौर अमृता अमर यादव की अध्यक्षता में आपात बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक का उद्देश्य पिछले 1 माह से जल संकट की शिकायतों का निराकरण करना था। बैठक में नगर आयुक्त नीलेश दुबे, विभिन्न निगम अधिकारी एवं जल प्रदाय का जिम्मा संभालने वाली विश्वा कंपनी के अधिकारी उपस्थित रहे। आयुक्त ने कंपनी को एग्रीमेंट की शर्तों का पालन करने के निर्देश दिए और वर्तमान स्थिति पर असंतोष व्यक्त किया।
वर्तमान समस्याएँ,जल प्रेशर और आपूर्ति की कमी
आयुक्त श्री दुबे ने स्पष्ट किया कि विश्वा कंपनी द्वारा एग्रीमेंट में बताए गए जल आपूर्ति के मानकों का पालन नहीं हो रहा है। जल प्रेशर कम होने और नलों में पानी की अनुपलब्धता के कारण शहरवासियों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि इस समय ब्लेम गेम से कुछ नहीं होगा, जमीनी स्तर पर स्थिति सुधारनी होगी।
उन्होंने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि अक्टूबर का महीना त्योहारों से भरा है और ऐसे में जल आपूर्ति में किसी भी प्रकार की कमी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इसके अलावा, आयुक्त ने कंपनी द्वारा शुरू किए गए कॉल सेंटर की बंद होने की भी आलोचना की, जिससे लोगों को शिकायत दर्ज कराने में कठिनाई हो रही है।
बैठक में जल विभाग अध्यक्ष राजेश यादव, सोमनाथ काले, मोनिका नीतीश बजाज, मीना ओमप्रकाश सिलावट, संतोष सरवन, मोहम्मद सदीक भाटिया, स्वाति सुधीर सकल्ले, कार्यपालन यंत्री वर्षा घिघोड़े,संजय शुक्ला, सहायक जनसंपर्क अधिकारी गौरव खरे,विश्वा कंपनी के अधिकारी और अन्य नगर निगम के अधिकारी भी उपस्थित रहे।अवैध कनेक्शनों पर सख्त कार्यवाही और मीटराइजेशन की मांग
वहीं,विश्वा कंपनी के अधिकारियों ने मीटराइज़ेशन न होने को समस्या का प्रमुख कारण बताया। महापौर ने इस पर त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए और कहा कि अवैध नल कनेक्शनों पर भी सख्त कार्यवाही की जाएगी ताकि जल संकट को और अधिक गंभीर होने से रोका जा सके।
समाधान के लिए संयुक्त समिति और ३ह्म्स्र पार्टी जांच
आयुक्त ने सुझाव दिया कि जल संकट की समस्या को हल करने के लिए नगर निगम और विश्वा कंपनी दोनों की ओर से एक संयुक्त समिति का गठन किया जाएगा। इसके साथ ही, एक स्वतंत्र पार्टी के माध्यम से समस्या का मूल्यांकन किया जाएगा ताकि निष्पक्ष रिपोर्ट प्राप्त हो सके और स्पष्ट हो कि असल चूक कहाँ हो रही है। उन्होंने कहा कि इस पीपीपी प्रोजेक्ट की सफलता के लिए त्वरित समाधान आवश्यक है।