० जिला पंचायत सीधी सीईओ के निर्देश पर आरईएस विभाग सीधी के प्रभारी लेखापाल के पद से हटाये गये संविदा कम्प्यूटर आपरेटर ने प्रभार देने से पहले संदिग्ध रिकॉर्ड में लगाई आग
नवभारत न्यूज
सीधी 30 सितम्बर। जिला पंचायत सीधी के सीईओ के निर्देश पर आरईएस विभाग सीधी के प्रभारी लेखापाल के पद से हटाये गये संविदा कम्प्यूटर आपरेटर ने प्रभार देने से पहले संदिग्ध रिकार्डों में आग लगाकर फिर से विभागीय हल्कों में चर्चाओं को गरम कर दिया है। यह चर्चा हो रही है कि जांच की आंच से बचने करोड़ों के घोटालों के रिकार्ड में आग लगा दी गई।
बताते चलें कि आरईएस विभाग में करोड़ों का भ्रष्टाचार सामने आने के बाद इस मामले में प्रथम दृष्टया जांच में दोषी मिले तत्कालीन ईई हिमांशु तिवारी समेत दो प्रभारी एसडीओ निलंबित हो चुके हैं। इस भ्रष्टाचार में सहभागी रहे आरईएस विभाग के आडिटर और एसएसी का संविदा कम्प्यूटर आपरेटर के ऊपर भी अब जांच की आंच आ चुकी है। दरअसल डाटा इंट्री आपरेटर के पद पर नीलेश पाण्डेय की नियुक्ति को हुये करीब 17 वर्ष हो चुके हैं। वे करीब 9 वर्ष से आडिटर के प्रभार में भी थे। तत्कालीन ईई आरईएस हिमांशु तिवारी द्वारा करीब 4 वर्ष से सीनियर एकांउट क्लर्क का अतिरिक्त प्रभार भी नीलेश पाण्डेय को सांैपा गया था। इसी वजह से सीधी जिले में आरईएस विभाग को जो करोड़ो के निर्माण कार्य चल रहे थे। उसके संबंध में डाटा इंट्री आपरेटर को पूरी जानकारी थी। बाद में भ्रष्टाचार का मामला जब तूल पकडऩे लगा तो तत्कालीन ईई हिमांशु तिवारी के निर्देश पर डाटा इंट्री आपरेटर नीलेश पाण्डेय द्वारा काफी रिकार्डों को खुर्द-बुर्द एवं छेडख़ानी करना शुरू कर दिया गया।
विभागीय सूत्रों का कहना है कि भ्रष्टाचार में शामिल अधिकारियों के साथ ही संविदा कम्प्यूटर आपरेटर नीलेश पाण्डेय जांच शुरू होते ही लीपापोती को लेकर सबसे ज्यादा सक्रिय रहे हैं। तीन अधिकारियों के निलंबित होने के बाद उनके इशारे पर कार्यालय में मौजूद रिकार्डों को गायब करने एवं हेराफेरी करने में यह काफी सक्रिय रहे हैं। अब जिला पंचायत सीईओ के आदेश पर जब इन्हें सिहावल अटैच किया गया है तो प्रभार देने से पूर्व रिकार्डों को कार्यालय के समीप जलाने का काम भी किया गया, जिसका वीडियो बन चुका है।
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आग लगाने वाले की समाप्त होगी संविदा?
आरईएस विभाग के चर्चित संविदा डाटा इंट्री आपरेटर नीलेश पाण्डेय के कार्यालय के दस्तावेजों में आग लगाने का मामला सामने आने के बाद कार्यपालन यंत्री मनोज कुमार बाथम द्वारा इसे काफी गंभीरता से लिया गया है। संविदा डाटा इंट्री आपरेटर को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया गया है। जवाब आने के बाद यदि आरोप सत्य पाये जाते हैं तो उसकी संविदा सेवा समाप्त करने की कार्यवाही होगी। इस वजह से विभागीय गलियारों में संविदा डाटा इंट्री आपरेटर के कार्यालय के दस्तावेजों में आग लगाने का मामला काफी सुर्खियों में बना हुआ है।
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जांच में दोषी पाए गए तो दर्ज हो सकता है मामला
आरईएस विभाग सीधी के कार्यालयीन दस्तावेजों में डाटा इंट्री आपरेटरद्व द्वारा आग लगाये जाने की जानकारी सामने आते ही इसे काफी गंभीरता से बड़े अधिकारियों द्वारा लिया गया है। इसी वजह से तात्कालिक रूप से जांच की कार्यवाई शुरू कर दी गई है। नोटिस जारी होने के बाद मिलने वाले जवाब का इंतजार किया जा रहा है। साथ ही विभागीय अधिकारी यह भी जानकारी जुटा रहे हैं कि कार्यालय से कौन से दस्तावेज गायब हो चुके हैं। रिकार्ड में आगजनी की जांच में यदि डाटा इंट्री आपरेटर नीलेश पाण्डेय दोषी पाये गये तो मामला भी दर्ज हो सकता है।
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इनका कहना है
आरईएस विभाग सीधी में पदस्थ संविदा डाटा एंट्री ऑपरेटर नीलेश पाण्डेय द्वारा कार्यालय के दस्तावेजों में आग लगाये जाने की जानकारी मिलने पर उन्हें नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है कि किन दस्तावेजों में आग लगाई गई है। जवाब मिलने के बाद अग्रिम कार्यवाही तंय की जायेगी।
मनोज कुमार बाथम, कार्यपालन यंत्री आरईएस-सीधी
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