दुकानों से आई मिठाई घोल रही कड़वाहट, प्रसाद में अब ड्राई फ्रूट्स की आहट
बाहर से खरीद कर मंदिर में लाई गई भोग सामग्री पर मंदिर समिति लगाएगी प्रतिबंध
मंदिर की शुद्धता से नहीं होगा किसी प्रकार का समझौता
उज्जैन: महाकालेश्वर मंदिर में श्रद्धालुओं द्वारा बाहर से खरीद कर ले जाने वाली मिठाई भोग प्रसाद अमानत स्तर की होती है या शुद्ध होती है इसको लेकर जब सवाल खड़े होने लगे तो महाकाल मंदिर प्रबंध समिति के सदस्य से लेकर मंदिर के जिम्मेदारों ने ही अब यह मुद्दा प्रबंध समिति की बैठक में रखे जाने की तैयारी कर ली है.नवभारत ने उज्जैन महाकाल मंदिर के माध्यम से श्रद्धालुओं तक उपलब्ध होने वाले शुद्ध लड्डू प्रसाद के विषय में प्रमुखता से समाचार प्रकाशित किया था. उसके बाद महाकाल मंदिर से जुड़े कई तथ्य और भी सामने आए, जिसमें मंदिर में आने वाले देश-विदेश के श्रद्धालुओं द्वारा भी बाजार से खरीद कर मिठाई भोग प्रसाद आदि चढ़ाया जाता है, जो मंदिर में कुछ प्रसाद रखने के बाद श्रद्धालुओं में वितरित भी किया जाता है. ऐसे में सवाल खड़े हुए कि क्या बाहर से आने वाली मिठाई भोग प्रसाद आदि शुद्ध है अथवा नहीं.
ड्रायफ्रूट्स पर फोकस
महाकाल मंदिर प्रबंध समिति के सदस्य राजेंद्र गुरु ने बताया कि शास्त्रों में भी वर्णित है कि शुद्ध खाद्य सामग्री का भोग भगवान को लगना चाहिए. उसमें हम ड्राई फ्रूट्स को शामिल कर सकते हैं, काजू बादाम इत्यादि का प्रावधान मंदिर में हम करने की बात रखेंगे.
खबर के बाद लिया संज्ञान
जब महाकाल मंदिर में बाहर से लाई गई मिठाई चड़ाने और श्रद्धालुओं तक बांटने का समाचार नव भारत द्वारा प्रमुखता से बुधवार को प्रकाशित किया गया तो महाकाल मंदिर प्रबंध समिति के सदस्यों से लेकर पंडित, पुजारी, पुरोहितों से लेकर जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा इस पर संज्ञान लिया गया. अब इस मुद्दे को महाकाल मंदिर प्रबंध समिति की बैठक में रखे जाने के तैयारी प्रारंभ हो गई है.
बैठक में होंगे ज्वलंत मुद्दे
यूं तो महाकालेश्वर मंदिर में मिठाई को लेकर जो मुद्दा सामने आया है उस पर नवभारत द्वारा समाचार प्रकाशित कर जिम्मेदारों के संज्ञान में यह तक लाया गया है कि बाहर की मिठाइयां भी अशुद्ध हो सकती है. इसको लेकर नियम बनना चाहिए. बावजूद इसके और भी कहीं ऐसे ज्वलनशील मुद्दे हैं, जो महाकाल मंदिर प्रबन्ध समिति की आगामी बैठक में रखे जाएंगे.
विवादस्पद मुद्दे भी शामिल
महाकाल मंदिर प्रबन्ध समिति की बैठक जल्द तय की जाएगी. अब यह देखना है कि किन-किन मुद्दों पर निर्णय लिए जाते हैं. जिस प्रकार से मंदिर में आए दिनभस्मआरती के नाम पर लूट खसौट, राशि की हेराफेरी, मंदिर में वीडियो रिल्स, बनाने से लेकर श्रद्धालुओं के साथ मारपीट, अन्य विवाद की घटनाएं होती है, इन सब पर रोक लगाने के लिए महाकाल मंदिर समिति के अध्यक्ष व जिला कलेक्टर नीरज कुमार सिंह से लेकर मंदिर प्रशासक गणेश धाकड़ द्वारा एम निर्णय लिए जाएंगे.
इनका कहना है
महाकाल मंदिर की प्रबंध समिति में सभी अहम मुद्दे रखे जाएंगे. श्रद्धालुओं को बेहतर दर्शन हो. मंदिर में आगंतुकों के लिए अच्छी व्यवस्था हो और वह उज्जैन से अच्छा संदेश लेकर जाएं और लगातार इसी तरह दर्शनार्थियों का धार्मिक नगरी में आना-जाना लगातार बना रहे, किसी प्रकार की किसी को समस्या ना हो ऐसे नियम बनाकर पालन कराया जाएगा.
– राजेंद्र गुरु, महाकाल मंदिर, प्रबंध समिति, सदस्य