बचपन में होने वाले कैंसर का उपचार सरकार की प्राथमिकता: विनोद पॉल

नयी दिल्ली 23 सितंबर (वार्ता) नरेन्द्र मोदी सरकार की ‘बच्चे पहले’ नीति पर जोर देते हुये नीति आयोग के सदस्य स्वास्थ्य डाॅ विनोद पॉल ने कहा है कि केंद्र सरकार पीड़ितों की वित्तीय कठिनाई को कम करने के लिये प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएमजेएवाई) के तहत बचपन में होने वाले कैंसर के इलाज के वास्ते आयुष्मान भारत बीमा कवरेज के सुझावों पर विचार करने को तैयार है।

डा. पॉल ने कहा कि निर्णय लेने वाले उन क्षेत्रों के बारे में जानना चाहेंगे, जहां बचपन में होने वाले कैंसर के रोगियों को बीमा कवरेज बढ़ाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा,“ मैं यहां इलाज करने वाले चिकित्सकों से जानना चाहूंगा कि ऐसी कौन सी स्थितियां हैं, जिनमें इस तरह के ‘टॉप अप’ की आवश्यकता होती है।”

उन्होंने हाल ही में कैनकिड्स, किड्सकैन – नेशनल सोसाइटी फॉर चेंज फॉर चाइल्डहुड कैंसर – द्वारा चाइल्डहुड कैंसर अवेयरनेस मंथ 2024 के उपलक्ष्य में आयोजित एक अभियान ‘वित्तीय कठिनाइयों को न कहें’ के शुभारंभ पर मुख्य भाषण देते हुये यह बात कही।

डॉ. पॉल ने कहा, “ मौजूदा पैकेज में सुधार करने के लिये निरंतर और गंभीर प्रयास किये जा रहे हैं, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि यह बच्चों के इलाज में लगने वाले खर्च और संसाधनों को सही मायने में दर्शाता है, ताकि लोगों के संसाधनों का उपयोग तर्कसंगत तथा न्यायोचित तरीके से सार्वजनिक देखभाल में किया जा सके।

इससे पहले भारत सरकार के सेवानिवृत्त अधिकारी एवं कैनकिड्स किड्सकैन के उपाध्यक्ष मुकुल मारवाह ने डॉ. पॉल, एक प्रतिष्ठित बाल रोग विशेषज्ञ, शोधकर्ता और सार्वजनिक स्वास्थ्य अधिवक्ता और कैनकिड्स से गोल्ड हीरो अवार्ड के प्राप्तकर्ता का स्वागत किया और स्वास्थ्य सेवा नीतियों को आगे बढ़ाने में उनके योगदान पर प्रकाश डाला। उन्होंने आयुष्मान भारत और पीएमजेएवाई योजनाओं में डॉ. पॉल द्वारा निभायी गयी महत्वपूर्ण भूमिकाओं पर प्रकाश डाला, जिसमें बाल कैंसर के उपचार के लिये व्यापक पैकेज प्रदान किये गये, जिससे पूरे भारत में कैंसर से पीड़ित बच्चों के लिये 2030 तक सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज (यूएचसी) को आगे बढ़ाया जा सके। इस प्रकार विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की बाल कैंसर पर वैश्विक पहल (जीआईसीसी) और भारत बाल कैंसर पहल (आईसीसीआई) के साथ संरेखित किया गया।

श्री मारवाह ने कहा कि सरकारी सेवा में 35 से अधिक वर्षों के साथ, डा. पॉल ने गैर सरकारी संगठनों और हितधारक जुड़ाव को प्रोत्साहित करने और सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जो सभी के लिये स्वास्थ्य सेवा की पहुंच को सक्षम बनाता है, विशेष रूप से बाल कैंसर के क्षेत्र में।

डा. पॉल के मुख्य भाषण ने सार्वभौमिक स्वास्थ्य देखभाल के मूलभूत स्तंभों पर ध्यान केंद्रित किया जिसमें आवश्यक चिकित्सा सेवाओं तक पहुंच सुनिश्चित करना और व्यक्तियों को उनके उपचार के दौरान वित्तीय कठिनाई से बचाना शामिल था।

डॉ पॉल ने कैंसर के उपचार को लेकर अपने दृष्टिकोण को साझा करते हुये जिला अस्पतालों, मेडिकल कॉलेजों या नर्सिंग होम में रोगी के घर के करीब कीमोथेरेपी उपलब्ध कराकर उपचार तक पहुंच बढ़ाने के लिये अधिक सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि पीएमजेएवाई एक बेहतरीन पीपीपी उदाहरण है, फिर भी निजी क्षेत्र स्वास्थ्य सेवा को बेहतर बनाने में बड़ी भूमिका निभा सकता है।

उन्होंने कहा, “ हमें यह देखने की जरूरत है कि सीएसआर कैसे योगदान दे सकता है, बीमा को कैसे किफायती बनाया जा सकता है। पीपीपी के शास्त्रीय प्रतिमान पर कैसे निर्माण किया जाये। ”

उन्होंने हर शहर में कैंसर के उपचार को उपलब्ध कराने के बारे में विशेष रूप से बात करते हुये कहा, “ विशेषज्ञों द्वारा टेलीकंसल्टेशन के माध्यम से परामर्श और उपचार के नुस्खे दिये जा सकते हैं, लेकिन कीमोथेरेपी रोगी के घर के करीब प्रशिक्षित लोगों द्वारा की जा सकती है। ”

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