भोपाल, 22 सितंबर (वार्ता) मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वच्छ भारत मिशन को देश भर में व्यापक आंदोलन शुरू कर स्वच्छ भारत की परिकल्पना को साकार करने के जो लक्ष्य निर्धारित किये उन्हें प्राप्त करने में मध्यप्रदेश ने देश में अपनी एक अलग पहचान बनायी है।
आधिकारिक जानकारी में डॉ यादव ने कहा कि स्वच्छता को सर्वोपरि मानते हुए इंदौर ने सफाई की जो अलख जगाई है, वह पूरे देश में उदाहरण बन चुकी है। इंदौर के नाम लगातार 7 बार देश को स्वच्छतम शहर बने रहने का रिकार्ड है। इंदौर ही देश का पहला वाटर प्लस शहर भी बना है और भोपाल देश की सबसे स्वच्छ राजधानी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी के जन्म दिन 17 सितम्बर से प्रांरभ हुए स्वच्छता ही सेवा अभियान में एक बार फिर मध्यप्रदेश पूरे जुनून के साथ जूट गया है। शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता के प्रति मंत्रीगण, जन-प्रतिनिधि, अधिकारी-कर्मचारी, समाजसेवी और सामाजिक संगठनों के साथ नागरिक भी सजग होकर महती भूमिका निभा रहे हैं। प्रदेशवासियों और हमारे सफाई मित्रों को मनोबल बढ़ाने के लिये राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी अपने उज्जैन प्रवास के दौरान सफाई मित्रों से संवाद कर उन्हें सम्मानित किया और श्रीमहाकाल लोक परिसर में झाडू लगाकर स्वच्छता का संदेश दिया। यह मध्यप्रदेश के लिये गर्व की बात है।
डॉ.यादव ने कहा कि स्वच्छता के सभी आयामों पर मध्यप्रदेश खरा उतर रहा है। राज्य सरकार ने सिंगल यूज प्लास्टिक एवं खुले में मांस-मछली के विक्रय पर प्रतिबंध लगाया है। प्रदेश में जीरो वेस्ट को प्रोत्साहन देने के लिये नगरीय निकायों में जीरो वेस्ट इवेंट भी जारी किये जा रहे हैं। प्रदेश में 401 नगरीय निकायों में सूखे एवं गीले कचरे के प्र-संस्करण के लिये सेंट्रल कम्पोस्टिंग और मटेरियल रिकवरी के लिये इकाइयों की स्थापना की गयी है, जिनसे कम्पोस्ट खाद बनायी जा रही है। प्रदेश में 324 शहरों को सफाई मित्र सुरक्षित शहर घोषित किया गया है। साथ ही सफाई मित्रों की कार्यक्षमता संवर्धन के लिये समय-समय प्रशिक्षण भी आयोजित किये जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि हाल ही में रीवा नगरपालिका निगम में 158 करोड़ 67 लाख रूपये की लागत से वेस्ट-टू-एनर्जी प्लांट स्थापित किया गया है। इस प्लांट से प्रतिदिन 340 टन कचरे का ट्रीटमेंट किया जा रहा है। साथ एक दिन में 6 मेगावाट बिजली भी उत्पन्न की जा रही है। सात हजार से अधिक कचरा संग्रहण वाहन प्रतिदिन घर-घर जाकर कचरा संग्रहित कर रहे हैं। प्रदेश के सभी गांव ओडीएफ हैं और अब तक 78 लाख 31 हजार व्यक्तिगत शौचालय और 16 हजार 900 से अधिक सामुदायिक स्वच्छता परिसरों का निर्माण किया जा चुका है। प्रदेश के 44 हजार से अधिक गांवों को सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट, 48 हजार से अधिक ग्रामों को लिक्विड वेस्ट मैनेजमेंट और 41 हजार से अधिक ग्रामों को आडीएफ प्लस मॉडल बनाया गया है।
प्रदेश में 17 सितम्बर से प्रारंभ हुए स्वच्छता ही सेवा अभियान में शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता की अलख जगाई जा रही है। हर स्तर पर नागरिकों को स्वच्छता संबंधी शपथ दिलाने के साथ प्रेरित भी किया जा रहा है। स्वच्छता-मित्रों को सम्मानित कर उनके हौंसले को बढ़ाना और उनके साथ सफाई कार्य करने के लिये मंत्रीगण और जन-प्रतिनिधि भी अपने-अपने क्षेत्रों में सफाई कार्य में जुटे हुए हैं।
उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने रीवा नगर निगम क्षेत्र में सैनिक कैंटीन से नीम चौराहा तक बोडाबाग रोड पर श्रमदान कर स्वच्छता का संदेश दिया और सफाई-मित्रों को सम्मानित किया। रीवा के शासकीय एवं निजी शालाओं में स्वच्छता व्यवहार पर केन्द्रित कार्यक्रमों का आयोजन कर नागरिकों में स्वच्छता के प्रति जन-जागरूकता लाई गयी।
ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने ग्वालियर नगर के लक्ष्मण तलैया क्षेत्र और मोनी बाबा आश्रम में झाडू लगाकर साफ-सफाई की और सफाई मित्रों को नगद पुरस्कार देकर सम्मानित भी किया। केन्द्रीय संचार एवं पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ग्वालियर में बीएसएनएल कार्यालय परिसर में अधिकारी-कर्मचारी और नागरिकों को स्वच्छता की शपथ दिलवाई। ग्वालियर सांसद भारत सिंह कुशवाह ने जन-प्रतिनिधियों और जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ जिला चिकित्सालय परिसर में साफ-सफाई कर स्वच्छता का संदेश दिया। ग्वालियर कलेक्टर रूचिका चौहान ने अधिकारी कर्मचारियों के साथ कलेक्ट्रेट एवं अन्य कार्यालयों में झाडू लगाकर साफ-सफाई की।
जबलपुर में पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने सरपंचों के साथ स्वच्छता संवाद कर ग्राम पंचायतों को स्वच्छ बनाने में सक्रिय रूप से कार्य करने की शपथ दिलाई। उन्होंने स्वच्छता कर्मियों का सम्मान कर उन्हें सेफ्टी किट प्रदान की। जबलपुर शहर में मोहल्ला सभाओं का आयोजन कर स्वच्छता का संदेश दिया गया।
इसी प्रकार प्रदेश के सभी जिलों में जन-भागीदारी के साथ स्वच्छता पखवाड़ा निरंतर जारी है। स्थानीय नागरिकों को अभियान से जोड़ने के लिये जन-प्रतिनिधि और प्रशासनिक अधिकारी अपने स्तर पर अनेक नवाचार भी कर रहे हैं, जिसके सफल परिणाम मानव जीवन पर सकारात्मक प्रभाव डालेगा। साथ ही स्वच्छता के प्रति जागी अलख से प्रदेश के नगरीय और ग्रामीण क्षेत्र आगामी स्वच्छता सर्वेक्षण-24 में बेहतर उपलब्धियां हासिल करेंगे।