नवभारत न्यूज
रीवा, 19 सितम्बर, अव्यस्क पीडि़ता के साथ बलात्कार करने एवं साथ देने का दोषी पाते हुये विशेष न्यायालय (पाक्सो एक्ट) तहसील सिरमौर ने आरोपीगण को धारा 342 भादंवि में 3 माह का सश्रम कारावास तथा 100 रुपये अर्थदंड, अर्थदंड अदा न करने पर 7 दिवस का अतिरिक्त साधारण कारावास, धारा 5/6 पाक्सो एक्ट में आजीवन सश्रम कारावास 500रु. जुर्माना की सजा तथा अर्थदंड अदा न करनें पर 6 माह का अतिरिक्त सश्रम कारावास से आरोपी को दंडित किया.
अभियोजन कार्यालय के सहायक जनसंपर्क अधिकारी विक्रम दुबे एडीपीओ रीवा ने जानकारी देते हुए बताया कि पीडि़ता अपनी बहन व पिता के साथ थाना सेमरिया में आकर आरोपी राघवेन्द्र के द्वारा लपटा लपटी कर गलत काम करने की रिपोर्ट दर्ज कराई कि 04.01.17 को शाम करीब 05 बजे वह मजदूरी का पैसा लेने के लिये राघवेन्द्र मिश्रा के घर गई थी, पीडि़ता ने आरोपी राघवेन्द्र की पत्नी नम्रता से दीवाली में घर पुताई की मजदूरी के पुराने 100 रुपये मांगे तो उसनें पीडि़ता को पैसा देने का कहकर घर के अंदर बुलाया तभी उसी समय शराब के नशे में आरोपी राघवेन्द्र नें पीडि़ता को पकड़ कर गलत काम किया एवं जान से मारने की धमकी भी दिया जब पीडि़ता की बहन उसे ढूंढते हुये आयी तब आरोपी ने पीडि़ता को छोड़ा. घटना के दौरान आरोपी की पत्नी नम्रता सब देख रही थी. उक्त रिपोर्ट पर अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया. पुलिस नें विवेचना उपरांत अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया. जिला अभियोजन अधिकारी सुशील कुमार शुक्ला एवं वरिष्ठ सहायक जिला अभियोजन अधिकारी सूर्य प्रसाद पाण्डेय के मार्गदर्शन में विचारण के दौरान शासन की ओर से पैरवी करते हुये विशेष लोक अभियोजक पाक्सो एक्ट रामविकास अग्निहोत्री तहसील सिरमौर जिला रीवा द्वारा मामले में प्रस्तुत साक्ष्यों एवं तर्कों से सहमत होते हुये विशेष न्यायालय (पाक्सो एक्ट) तहसील सिरमौर ने उक्त आरोपीगणों को उपरोक्त दंड से दंडित किया.