हाईकोर्ट ने नियुक्ति न देने का आदेश किया निरस्त
जबलपुर। हाईकोर्ट के जस्टिस विशाल मिश्रा की एकलपीठ ने अनुकंपा नियुक्ति संबंधी दावे का तत्कालीन पॉलिसी के तहत उचित निर्णय लेने के निर्देश अनावेदकों को दिये हैं। इसके साथ ही न्यायालय ने शासन के उस आदेश को निरस्त कर दिया जिसके तहत याचिकाकर्ता को अनुकंपा नियुक्ति देने से इनकार कर दिया गया था। एकलपीठ ने इसके लिए 60 दिन की मोहलत दी है।
दरअसल यह मामला रीवा निवासी आशुतोष मिश्रा की ओर से दायर किया गया था। जिनकी ओर से कहा गया कि उनके पिता शिक्षा विभाग में पदस्थ थे, जिनकी 29 नवंबर 2010 को मृत्यु हो गई थी। वयस्क होने पर याचिकाकर्ता ने विभाग में अनुकंपा नियुक्ति के लिए आवेदन पेश किया। विभाग ने 11 जनवरी 2021 को आवेदन यह कहते हुए निरस्त कर दिया कि वर्ष 2014 की पॉलिसी के तहत मृत्यु के एक वर्ष के भीतर वयस्क होने पर ही अनुकंपा नियुक्ति की पात्रता रहती है। आवेदक की ओर से कहा गया कि याचिकाकर्ता के पिता की मृत्यु नई पॉलिसी आने के चार साल पहले हुई थी, इसलिए इस मामले में वह लागू नहीं हो सकती। सुप्रीम कोर्ट व हाईकोर्ट के कई पूर्व न्यायदृष्टांतों का हवाला भी दिया गया, जिसमें यह स्पष्ट कहा गया है कि किसी कर्मचारी की मृत्यु की तिथि के समय प्रचलित नीति के आधार पर ही अनुकंपा नियुक्ति दी जानी चाहिये। सुनवाई पश्चात् न्यायालय ने उक्त निर्देश दिये। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता भूपेन्द्र कुमार शुक्ला ने पक्ष रखा।