ढाका 16 सितंबर (वार्ता) बॉर्डर गार्ड बंगलादेश (बीजीबी) और भारत के सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की बैठक में 200 एकड़ भूमि बंगलादेश को लौटाने का निर्णय लिया गया, जो पहले नदी के कटाव के कारण भारत में चली गयी थी।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक बीजीबी और बीएसएफ के वरिष्ठ अधिकारियों के बीच रविवार को हुई बैठक में विवादित भूमि का फिर से सर्वेक्षण करने और इसे सही मालिकों को लौटाने का संयुक्त निर्णय लिया गया।
दौलतपुर उपजिला में रामकृष्णपुर संघ के चालिशपारा क्षेत्र में स्थित विवादित भूमि पद्मा नदी के मार्ग में बदलाव और प्राकृतिक आपदाओं के कारण विवाद में रही है, जिसने तीन किलोमीटर के क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय सीमा स्तंभों को अव्यवस्थित कर दिया है। इस साल की शुरुआत में किये गये सर्वेक्षण में यह मामला सामने आया था।
बीजीबी की 47वीं बटालियन के कमांडर लेफ्टिनेंट कर्नल एम महबूब मुर्शेद रहमान ने मामले की पुष्टि की। उन्होंने बताया कि गत 10 फरवरी को सर्वेक्षण के दौरान पता चला कि लगभग 200 एकड़ बंगलादेश की भूमि भारतीय क्षेत्र में तथा करीब 40 एकड़ भारतीय भूमि बंगलादेश क्षेत्र में चली गई है। दोनों देश अब अक्टूबर में आधिकारिक रूप से सीमाओं को सही करने की तैयारी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि विवादित भूमि का पुनः सर्वेक्षण करने तथा उसे उसके वास्तविक मालिकों को लौटाने पर सहमति बनी है।
बैठक में सीमा पर हत्याओं को रोकने तथा मादक पदार्थों की तस्करी से निपटने जैसे व्यापक मुद्दों पर भी चर्चा की गई। बंगलादेश के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व लेफ्टिनेंट कर्नल रहमान ने किया, जबकि रोशनबाग बटालियन के कमांडेंट विक्रम देव सिंह ने बीएसएफ का प्रतिनिधित्व किया।
लेफ्टिनेंट कर्नल रहमान ने जोर दिया कि जब तक पुनः सर्वेक्षण पूरा नहीं हो जाता, तब तक किसी को भी विवादित भूमि का उपयोग करने की अनुमति नहीं दी जायेगी। उन्होंने सीमा पर हाल ही में हुई हत्याओं के खिलाफ बंगलादेश का कड़ा विरोध भी जताया और बीएसएफ से निर्दोष नागरिकों को हिरासत में लेने से बचने तथा विशेष रूप से दुर्गा पूजा से पहले अवैध सीमा पार गतिविधियों को रोकने का आग्रह किया।